यूरोप में मंडराया रेडिएशन का खतरा, चेरनोबिल न्यूक्लियर प्लांट की बिजली कटी, जनरेटर के भरोसे 48 घंटे ही हो सकेगा काम

यूक्रेन (Ukraine) के चेरनोबिल न्यूक्लियर प्लांट (Chernobyl nuclear plant) के कर्मचारियों का कहना है कि रूस (Russia) के हमले की वजह से यहां पर काम पूरी तरह से रुका हुआ है. यूक्रेन के ऊर्जा ऑपरेटर उक्रेनेर्गो (Ukrenergo) ने बुधवार को कहा कि चेरनोबिल पावर प्लांट और इसकी सुरक्षा प्रणालियों के लिए बिजली को पूरी तरह से काट दिया गया है. यहां पर 1986 में दुनिया की सबसे भीषण परमाणु आपदा आई थी. उक्रेनेर्गो ने फेसबुक पर अपने बयान में कहा, न्यूक्लियर पावर प्लांट पावर ग्रिड से पूरी तरह से डिस्कनेक्ट हो गया है. उन्होंने कहा कि यहां पर सैन्य कार्रवाई का मतलब है कि लाइनों को रिस्टोर करने की संभावना नहीं है.

रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया था और निष्क्रिया प्लांट पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद से ही दुनिया में चिंता की लहर पैदा हो गई थी, क्योंकि हमले की वजह से यहां पर नुकसान होने का खतरा था. इस वजह से एक बार फिर रेडिएशन फैल सकता था. यहां पर 1986 में हुई आपदा की वजह से सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी और पूरे यूरोप में रेडियोएक्टिव कंटेमिनेशन फैल गया था. मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने कहा कि साइट अब डेटा ट्रांसमिट नहीं कर रही है. IAEA ने रूसी गार्ड्स के तहत काम करने वाले कर्मचारियों के लिए चिंता व्यक्त की है.

रेडिएशन का खतरा बढ़ेगा: दिमित्री कुलेबा
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा ने कहा कि र रूसी सेना के कब्जे वाले चेरनोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट की सप्लाई करने वाला एकमात्र इलेक्ट्रिकल ग्रिड और इसकी सभी परमाणु सुविधाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. न्यूक्लियर प्लांट की बिजली सप्लाई बंद हो गई है. उन्होंने कहा कि मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करता हूं कि रूस से तत्काल आग बुझाने की मांग की जाए और मरम्मत करने वाली यूनिट को बिजली आपूर्ति बहाल करने की इजाजत दी जाए. कुलेबा ने कहा, चेरनोबिल को बिजली देने के लिए रिजर्व डीजल जनरेटर 48 घंटे तक ही काम कर सकता है. उसके बाद स्टोरेज फैसिलिटी का कूलिंग सिस्टम बंद हो जाएगा. इससे रेडिएशन का खतरा बढ़ जाएगा. पुतिन का बर्बर युद्ध पूरे यूरोप को खतरे में डाल देगा.

परमाणु आपदा से बचाने के लिए लगातार प्लांट को मैनेज करने की जरूरत
वहीं, IAEA ने यूक्रेन के न्यूक्लियर रेगुलेटर का हवाला देते हुए कहा कि प्लांट में काम कर रहे स्टाफ के लिए हालात बेदह ही खराब हैं. न्यूक्लियर प्लांट एक ऐसे एरिया में है, जहां पर निष्क्रिय रिएक्टरों के साथ-साथ रेडियोधर्मी अपशिष्ट फैसिलिटी भी मौजूद है. दो हजार से अधिक कर्मचारी अभी भी प्लांट में काम करते हैं, क्योंकि प्लांट को एक और परमाणु आपदा की वजह बनने से रोकने के लिए लगातार मैनेज करने की जरूरत है. IAEA के चीफ राफेल ग्रॉसी ने मंगलवार को प्लांट पर कब्जा जमाए रूसी बलों से कहा कि वे तत्काल कर्मियों के सुरक्षित रोटेशन की सुविधा करें. उन्होंने सभी पक्षों से यूक्रेन के पावर प्लांट की सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही.

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