दिल्ली में कोरोना महामारी से मची तबाही का मंजर श्मशान घाटों पर लगातार देखने को मिल रहा है। स्थिति यह है कि लोगों को अपने प्रियजनों के शवों का दाह संस्कार करने के लिए 20-20 घंटे तक का इंतजार करना पड़ रहा है। यहां के एक श्मशान स्थल पर मंगलवार को 50 चिताएं जलीं। वहां कई शव पड़े हुए थे और कई अन्य वहां खड़े वाहनों में रखे हुए थे। कोरोना संक्रमण के कारण जान गंवाने लोगों के परिजन अंत्येष्ठि के लिए अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे।
शब्दों में उस पीड़ा को बयां करना मुश्किल है। ये दिल दहला देने वाले दुखद दृश्य नयी दिल्ली के श्मशान स्थलों के हैं। लोग अपने प्रियजनों का शव लेकर भटक रहे हैं। दिल्ली के लगभग सभी श्मशान स्थल शवों से भर चुके हैं। श्मशान घाटों के आस-पास, फर्श पर आपको शव लावारिस अवस्था में पड़े हुए मिलेंगे। अंतमि संस्कार के लिए आए परिजनों के वाहनों की लंबी कतारें इस बात की गवाही दे रही है कि स्थिति कैसी है। ऐसी तस्वीरों दिल्ली की आत्मा को हिला देने वाली है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस महीने 3601 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। इनमें से पिछले सात दिनों में 2,267 लोगों की जान गई है। ये आंकड़े शहर को आतंकित कर रहे हैं और पीड़ा दे रही है। जैसे कि वायरस से किसी प्रियजन को खोने का आघात सहने लायक नहीं होता है, उससे अधिक दुख उनका उचित अंतिम संस्कार नहीं कर पाने पर होता है। रिश्तेदार शवों को लेकर श्मशान पहुंच रहे हैं, केवल उन्हें विदा कर रहे हैं। आघात उन लोगों के रिश्तेदारों के लिए कम नहीं है जो अन्य बिमारियों से मरे हैं या फिर उनकी स्वाभाविक मृत्यु हुई है।