इन चुनावों में क्या नतीजे रहने वाले हैं, इसका असल आंकड़ा तो 3 दिसंबर को पता चलेगा, लेकिन कई ओपिनियन पोल सामने आने लगे हैं जिन्होंने हवा का रुख बताने का काम जरूर कर दिया है।
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, लोकसभा की लड़ाई से पहले इन तीनों राज्यों को काफी अहम माना जा रहा है। इस समय एक तरफ एमपी में बीजेपी की सरकार तो वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता में काबिज है। अब इन चुनावों में क्या नतीजे रहने वाले हैं, इसका असल आंकड़ा तो 3 दिसंबर को पता चलेगा, लेकिन कई ओपिनियन पोल सामने आने लगे हैं जिन्होंने हवा का रुख बताने का काम जरूर कर दिया है।
राजस्थान का सर्वे
NVR24 ने तीनों ही राज्यों का फाइनल ओपिनियन पोल निकाला है। इस ओपिनियन पोल के नतीजे काफी दिलचस्प है और अगर सही साबित होते हैं तो इसका आगामी लोकसभा चुनाव में भी काफी असर पड़ेगा। बात अगर सबसे पहले राजस्थान की हो तो यहां पर एक बार फिर सत्ता परिवर्तन होता दिख रहा है। इस चुनाव में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिल सकता है और गहलोत सरकार को फिर विपक्ष में बैठना पड़ेगा।
सीटों की बात करें तो राजस्थान में बीजेपी के खाते में इस बार 114 से 124 सीटें जा सकती हैं, वहीं कांग्रेस का आंकड़ा 67 से 77 के बीच में सिमट सकता है। वहीं वोट शेयर के मामले में भी बीजेपी तीन फीसदी कांग्रेस से आगे चल रही है। इस चुनाव में कांग्रेस को 42 प्रतिशत तो बीजेपी को 45 प्रतिशत वोट मिल सकता है। अब अगर राजस्थान बीजेपी के लिए गुड न्यूज ला रहा है तो मध्य प्रदेश में उसे बड़ा झटका भी लग सकता है।
एमपी का सर्वे
सर्वे के मुताबिक एमपी में एक बार फिर BJP सरकार बनाने में कामयाब हो सकती है। उसे आगमी चुनाव में 118 से 130 सीटें मिलती दिख रही हैं, वहीं कांग्रेस का आंकड़ा 99 से 117 के बीच रह सकता है। अब ये मुकाबला करीब भी रह सकता है और BJP को स्पष्ट बहुमत भी मिल सकता है। अन्य के खाते में 0-2 सीटें ही जाती दिख रही हैं। वोट शेयर की बात करें तो BJP को 45 तो कांग्रेस को 42 प्रतिशत प्राप्त हो सकता है।
छत्तीसगढ़ का सर्वे
छत्तीसगढ़ में पिछली बार कांग्रेस को प्रचंड बहुमत हासिल हुआ था। NVR24 के मुताबिक एक बार फिर कांग्रेस मजबूत दिख रही है, ये बात अलग है कि बीजेपी अपना प्रदर्शन पिछले चुनाव की तुलना में बेहतर कर सकती है। इस चुनाव में कांग्रेस को 42 से 48 सीटें मिल सकती हैं, वहीं बीजेपी 41 से 47 सीटों तक पहुंच सकती है। अन्य के खाते में यहां 2 से 5 सीटें जा सकती हैं। वोट शेयर के मामले में ज्यादा फर्क नहीं रहने वाला है, एक तरफ कांग्रेस को 45 प्रतिशत हासिल हो सकता है तो वहीं बीजेपी को 43 प्रतिशत । मामला यहां 50 50 का है।