Hindu And Muslim

BJP व RSS का एकमात्र एजेंडा देश को हिंदू-मुस्लिम के बीच बांटकर राजनीति करना है- अशोक गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) ने कहा कि हमें हिंदू होने पर गर्व है। भाजपा (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) (RSS) का एकमात्र एजेंडा देश को हिंदू और मुस्लिम (Hindu And Muslim) के बीच बांटकर राजनीति करना है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में हिंसा और तनाव का माहौल है। संविधान और कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। रविवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने जब भाजपा (BJP) सांसदों की बैठक बुलाई तो सबसे कहा कि डा. किरोड़ीलाल मीणा ही सक्रिय हैं, बाकी सब कुछ नहीं कर रहे हैं। मीणा जो करते हैं, वह सबको मालूम है। गहलोत ने कहा कि मीणा धमाल पट्टी करते हैं। वह चाहते हैं धमाल पट्टी हो, हिंसा हो और विकास का काम रुके। गहलोत ने कहा कि इनकी सोच विकास को रोकने की है।
लोगों को बिजली की बचत करनी चाहिए

अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि रामनवमी पर सात राज्यों में दंगे भड़के, करौली में हमने तो रोक दिया। उन्होंने कहा कि करौली की घटना में हो सकते हैं निर्दोष लोग फंस गए हो, उन्हें छोड़ देंगे, लेकिन कई राज्यों में निर्दोषों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं। राजगढ़ में मंदिर तोड़े जाने की चर्चा करते हुए कहा कि वहां नगरपालिका के बोर्ड में 35 में से 34 पार्षद भाजपा के और मात्र एक कांग्रेस का है। तोड़फोड़ करने का निर्णय भाजपा (BJP) के सभापति की अध्यक्षता में लिया गया, लेकिन आरोप सरकार पर लगा रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश के 16 राज्यों में बिजली संकट है। कोयले की कमी से समस्या हो रही है। लोगों को बिजली की बचत करनी चाहिए।
ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने पर जोर

गहलोत ने बयान जारी कर कहा-पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित करने में कोई अड़चन नहीं है। परियोजना की रूपरेखा पिछली भाजपा सरकार ने तैयार करवाई थी । उन्होंने कहा कि इस परियोजना से संबंधित सभी मापदंड केंद्रीय जल आयोग की गाइडलाइन के अनुसार ही रखे गए हैं। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) के प्रस्तावित मापदंड परिवर्तन से पूर्वी राजस्थान के किसानों को सिंचाई का पानी उपलब्ध नहीं हो सकेगा। पूर्वी राजस्थान (Rajasthan) में 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मिलने वाली सिंचाई की सुविधा से किसानों को वंचित नहीं किया जा सकता है। अगर केंद्र सरकार की बात मानें तो पूर्वी राजस्थान का हाल बुंदेलखंड जैसा हो जाएगा और किसानों की भूमि प्यासी रह जाएगी।

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