ब्रिटेन में टीकाकरण अभियान के बीच COVID-19 का नया घातक रूप सामने आया है। वायरस का यह नया वर्जन और तेजी से फैलने और बढ़ने वाला बताया जा रहा है। भारत के कई राज्यों में COVID-19 संक्रमण के नए मामले ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों के कारण मिल रहे हैं। वहां से आने वाली उड़ानों के जरिए अब तक देश के विभिन्न राज्यों में कुल 18 संक्रमित यात्री आ चुके हैं। हालांकि, अभी यह कहना मुश्किल है कि ये सभी कोरोना की नई स्ट्रेन से संक्रमित हुए हैं।
ब्रिटेन से लौटे यात्रियों के कोविड संक्रमित होने की पुष्टि अब तक कर्नाटक, चेन्नई, दिल्ली, अमृतसर और कोलकाता में हुई है। इसे देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ज्वाइंट मॉनिटरिंग ग्रुप ने तत्काल एक बैठक बुलाई और ब्रिटेन में COVID-19 के हालात का भारत में प्रभाव का जायजा लिया। साथ ही इसके समाधान पर भी चर्चा की। कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के कारण ब्रिटेन में सनसनी है और वहां सरकार ने लॉकडाउन लागू कर दिया है। वहीं भारत ने ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों पर 31 दिसंबर तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
सरकार ने देश में बढ़ते कोरोना मामले और ब्रिटेन में वायरस के नए वर्जन आने के बाद बनते हालात को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर हेल्प डेस्क बनाने का फैसला किया है। ब्रिटेन समेत अन्य देशों से भारत आ रहे यात्रियों को एयरपोर्ट पर कोविड टेस्ट RT-PCR कराना अनिवार्य होगा।
पंजाब के अमृतसर स्थित श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सोमवार देर रात लंदन से आई उड़ान के क्रू मेंबर्स समेत 242 यात्रियों की मंगलवार को कोरोना जांच कराई गई। इनमें से तीन लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। तीनों कोरोना संक्रमित मरीजों को गुरु नानक देव अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया गया है। कोरोना जांच रिपोर्ट में देरी होने के कारण वहां यात्रियों और उन्हें लेने आए रिश्तेदारों ने एयरपोर्ट के बाहर हंगामा भी किया।