राज्यों को मोटर जुर्माना घटाने का मनमाना अधिकार नहीं

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यों के रवैये पर नाखुश होते हुए कहा कि राज्य जुर्माना घटा सकते हैं लेकिन बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को भी ध्यान में रखना होगा जो लगातार बढ़ रही हैं। आंकड़े के अनुसार देश में हर साल 5 लाख दुर्घटनाओं में 2 लाख लोग मारे जाते हैं। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार दुर्घटनाओं और मौतों में और बढ़ोतरी का संकेत मिला है।

राज्य सरकारों को मोटर एक्ट के तहत जुर्माना घटाने का मनमाना अधिकार नहीं मिल सकता। यदि किसी राज्य में अपराध विशेष से संबंधित सड़क दुर्घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं तो उस पर जुर्माना कम नहीं किया जा सकता। राज्य केवल उन्हीं अपराधों में जुर्माना कम कर सकते हैं जिनमें हादसों का ग्राफ नीचे गिर रहा हो। ये राय विधि मंत्रालय ने मोटर एक्ट पर जुर्माना घटाने के राज्यों के अधिकार के बाबत सड़क मंत्रालय को दी है।
गुजरात के अलावा उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और केरल ने 1 सितंबर से लागू मोटर एक्ट के बढ़े जुर्मानों को लागू करने से मना कर दिया था और कंपाउंडेबल अपराधों में धारा 200 के प्रावधानों के अनुसार कम जुर्माने वसूलने का ऐलान किया था। उत्तर प्रदेश ने भी नए जुर्मानों की अधिसूचना जारी करने में आनाकानी का रवैया अपनाया था।

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