अश्विन मास के कृष्ण पक्ष में Shardiya Navratri आरंभ होते हैं। इस बार Shardiya Navratri 7 अक्टूबर से शुरू होकर 15 अक्टूबर को विजय दशमी के दिन समाप्त होंगे। नवरात्रि के ये नौ दिन मां दूर्गा को समर्पित होते हैं। मां दूर्गा के 9 रुपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इन दिनों में मां की भक्ति-भाव से पूजा-अर्चना करने से वे अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं। इतना ही नहीं, ये 9 दिन सभी भक्तिमय रंग में रंग जाते हैं। मां को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखे जाते हैं। कई बार तिथि घटने बढ़ने के कारण Ashtami और Navmi की तिथि में असमंजस की स्थिति बन जाती है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं इस बार महाअष्टमी और महानवमी किस दिन मनाई जाएगी।
कब है नवरात्रि अष्टमी पूजा (When Is Ashtami Puja)
बता दें कि इस बार Navratri की एक तिथि घट रही है। इस बार नौ नहीं बल्कि 8 दिन के ही नवरात्रि रखे जाएंगे। ऐसे में अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर लोगों में असंजस बना हुआ है। तो बता दें कि इस बार 13 अक्टूबर, बुधवार के दिन अष्टमी पूजा की जाएगी। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार चतुर्थी तिथि का क्षय होने से नवरात्रि 8 दिन के पड़ रहे हैं। अतः 13 अक्टूबर को अष्टमी व्रत रखा जाएगा। इस दिन महागौरी की पूजा की जाती है।
कब है नवरात्रि नवमी पूजा (When Is Navratri Navmi Puja)
13 अक्टूबर की अष्टमी तिथि है, तो 14 अक्टूबर को नवमी तिथि का व्रत रखा जाएगा। नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
क्यों मनाई जाती है नवमी (Why Navmi celebrated)
पौरणिक कथाओं के अनुसार, मां दूर्गा ने राक्षसों के राजा महिषासुर के खिलाफ 9 दिनों तक युद्ध किया था। इसी वजह से ये त्योहार 9 दिनों तक चलता है। मां देवी की शक्ति और बुराई पर जीत हासिल करने का ये आखिरी दिन होता है. जिसे महानवमी कहते हैं।