PM नरेंद्र मोदी अयोध्या में 5 अगस्त को राम जन्मभूमि पर भगवान राम के भव्य मंदिर का भूमि पूजन करेंगे। इसके अलावा अयोध्या के कायाकल्प के लिए एक हजार करोड़ से ज्यादा लागत की 51 परियोजनाओं को शुरू करेंगे।
लखनऊ-गोरखपुर हाईवे पर सरयू किनारे भगवान श्रीराम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा का भी शिलान्यास होगा। 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर 4 किमी लंबी सीता झील भी राम भक्तों को मिलेगी। नगर विकास, संस्कृति विभाग, पर्यटन और लोक निर्माण विभाग ने 51 परियोजनाओं का प्रस्ताव तैयार किया है, इन पर मंगलवार को डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्या मुहर लगाएंगे।
गुजरात में सरदार पटेल की 183 मीटर ऊंची प्रतिमा तैयार करने वाले नोएडा के मूर्तिकार राम सुतार को ही भगवान श्रीराम की मूर्ति के निर्माण का जिम्मा प्रदेश सरकार ने सौंपा है। प्रदेश सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 447 करोड़ रुपए का बजट भी दिया है।
इस राशि से 61 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। यह राशि निर्माण के लिए तकनीकी अध्ययन करने के लिए स्वीकृत 200 करोड़ रुपए के अलावा है। इसमें कई तरह की योजना तैयार की गई है।
राम मंदिर भूमि पूजन के दिन से अयोध्या के लिए 51 से ज्यादा परियोजनाओं का कार्य जिला प्रशासन ने तैयार किया है। किस योजना का PM मोदी का शिलान्यास करेंगे, इस पर जिला प्रशासन से लेकर शासन तक मंथन किया जा रहा है। डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य मंगलवार को अयोध्या में बनने वाली सड़कों और चौड़ीकरण कार्य को लेकर एक अहम बैठक करेंगे। सीएम योगी ने सआदतगंज से शहर के अंदर से होते हुए नया घाट तक सड़क को 30 मीटर चौड़ी करने के लिए स्वीकृति दी है।
सीता झील को लेकर पूर्वोत्तर नदी व जलाशय अनुश्रवण समिति के चेयरमैन रिटायर्ड जज डीपी सिंह जमीन का स्थलीय निरीक्षण भी कर चुके हैं। यह सीता झील सरयू नदी के 14 कोसी परिक्रमा मार्ग के किनारे अफीम कोठी से लेकर राजघाट तक 4 किलोमीटर लंबी बनाई जाएगी और इसकी चौड़ाई 500 मीटर होगी।
सीता झील में सरयू नदी का पानी होगा। लोग इसमें स्नान के साथ नौका विहार का भी लुत्फ उठा सकेंगे। यह समिति NGT के निर्देशन में नदियों एवं जलाशयों को पुनर्जीवित करने का कार्य करती है। प्रस्तावित सीता झील का निर्माण उसी का हिस्सा है। पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से इसे महत्वपूर्ण माना जाता है।