PUBG हो रहा है बैन? क्या है प्राइवेसी पॉलिसी, कहां स्टोर होता है डेटा?

आज की युवा पीढ़ी एक काल्पनिक दुनिया की तरफ कुछ ज्यादा ही आकर्षित हो चली है, अगर आप भी PUBG के शौकीन हैं, तो यह खबर आपके लिए दुखद हो सकती है। TikTok के बाद भारत सरकार अब ज्यादातर लोगों की एक अन्य पसंदीदा ऐप PUBG को भी बैन कर रही है। दरअसल, 29 जून 2020 को 59 चीनी ऐप्स बैन करने के बाद अब भारत सरकार ने 47 चीनी ऐप्स के क्लोन भी बैन करने का फैसला किया है।

असल में, कुछ ऐप्स के क्लोन प्ले स्टोर पर आने शुरू हो गए हैं, इसे देखते हुए ही भारत सरकार ने यह फैसला लिया है। ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि इसमें लोगों का पसंदीदा PUBG भी शामिल हो सकता है। अब आप लोगों के मन में पबजी को लेकर तरह-तरह के सवाल उठने शुरू हो गए हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत PUBG का सबसे बड़ा बाजार है। एक रिपोर्ट के अनुसार, PUBG को अब तक लगभग 17.5 करोड़ लोगों द्वारा इंस्टॉल किया जा चुका है।

आज बहुत सारे सवाल आपके मष्तिष्क मे कौंध रहे होंगे जैसे:-
क्या भारत में पबजी मोबाइल बैन हो सकता है?
क्या ये ऐप भी चीनी ऐप्स की है कैटेगरी में ही आता है?
डेटा सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर ये ऐप कहां टिकता है?

मल्टी प्लेयर गेमिंग पबजी को लेकर आपके मन में उठ रहे ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब हम यहां देने की कोशिश करेंगे-

पबजी (PUBG) यानी प्लेयर अननोन बैटलग्राउंड (PlayerUnknown’s Battlegrounds) मोबाइल को लेकर यह बहस लंबे समय से चली आ रही है कि यह चीनी ऐप या है या साउथ कोरियन ऐप है। इसकी वजह यह है कि इस ऐप को बनाने वाली कंपनी ब्लूहोल (Bluehole) चीन की नहीं, बल्कि साउथ कोरिया की है। यह कंपनी साउथ कोरियन ब्लूहोल स्टूडियोज की सब्सिडियरी है। PUBG मोबाइल को गूगल प्ले स्टोर और ऐप स्टोर पर 2018 में रिलीज किया गया। PUBG वीडियो गेम लगातार पॉपुलर हुआ और इस वजह से चीन का सबसे बड़ा वीडियो गेम्स पब्लिशर टेंसेंट गेम्स ने साउथ कोरियन ब्लूहोल कंपनी में हिस्सेदारी खरीदी और इस गेम को चीन में भी लॉन्च कर दिया।

चीनी कंपनी टेंसेंट गेम्स ने ब्लूहोल में हिस्सेदारी खरीद ली। इसके पबजी को मोबाइल वर्जन टेंसेंट ने डेवलप किया। इसके बाद टेंसेंट पबजी मोबाइल की पब्लिशर बन गई। तब से अब तक पबजी मोबाइल ओपन करने पर टेंसेंट का लोगो भी दिखता है जो चीनी कंपनी है। यहाँ अब आपके लिए यह भी समझना जरूरी है कि PUBG और PUBG Mobile में फर्क है। इन दोनों के पब्लिशर्स में भी फर्क है। चीन में टेंसेंट के साथ मिल कर ब्लूहोल ने पबजी मोबाइल वहां लॉन्च किया। शुरुआत में टेंसेंट में पबजी को चीन में डिस्ट्रिब्यूशन के लिए राइट खरीदा। इसके बाद इस गेम का मोबाइल वर्जन लाने के लिए ब्लूहोल के साथ पार्टनरशिप की। इसका मतलब यह हुआ कि पबजी मोबाइल – यानी स्मार्टफोन्स और टैबलेट में खेला जाने वाला ये गेम टेंसेंट गेम ने तैयार किया और इसे चीन में लॉन्च किया।

पबजी मोबाइल की प्राइवेसी पॉलिसी भी दूसरे ज्यादातर ऐप्स की तरह ही है, जो कई जरूरी और गैरजरूरी जानकारियां यूजर्स से एक्सेस करती हैं। पबजी मोबाइल की प्राइवेसी पॉलिसी यह कहती है कि कंपनी के सर्वर भारत में भी हैं और यहां के यूजर्स का डेटा यहीं के सर्वर में स्टोर रहते हैं। इसके सर्वर चीन में भी हैं। कंपनी कुछ यूजर डेटा अमेरिका और सिंगापुर के सर्वर में भी स्टोर करती है।

सबसे खतरनाक पहलु यह की यूजर की पर्सनल इन्फॉर्मेशन शेयरिंग का जहां तक सवाल है, पबजी मोबाइल के भारतीय यूजर्स का डेटा कंपनी किसी भी थर्ड पार्टी को दे सकती है। कंपनी साफ कहती है, हम किसी भी थर्ड पार्टी को आपका डेटा कलेक्ट और यूज करने की इजाजत देते हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार हैं कि कोई भी थर्ड पार्टी यूजर्स की पर्सनल जानकारियां किसी के साथ डिस्क्लोज न करे।

PUBG को कई बार आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है और इसे बैन को लेकर भी कई बार मांग उठायी जा चुकी है। इसके दुष्प्रभावों को लेकर समय समय पर बच्चों के माता-पिता और अभिभावकों द्वारा कई तरह की शिकायतें ​भी खबरों में आती रहती हैं। इनमें खासकर युवाओं पर इस गेम का बुरा प्रभाव पड़ने की बात सामने आयी और देशभर में कुछ राज्य सरकारों ने गेमिंग ऐप पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया।

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