आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन के घटक दल बड़ी सावधानी से विवाद के मुद्दों को सुलझा रहे हैं। शायद वाम दलों को जोड़कर विपक्ष के वोटों के बिखराव को रोकने का उपाय कर लिया गया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस (Congress) और राष्ट्रीय लोक समता दल (RLSP) अपने हिस्से की सीटों में थोड़ी-थोड़ी कटौती कर वाम दलों (Left Parties) को देकर उन्हें साथ लाने पर राजी होते दिख रहे हैं। जहां तक महागठबंधन के नेतृत्व (Leadership) व मुख्यमंत्री चेहरे (CM Face) की बात है, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने कह दिया है कि विपक्ष के इस गठबंधन के नेतृत्व के लिए तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) स्वाभाविक दावेदार हैं। वैसे भी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) एवं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) को पहले भी कभी लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) या तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर ऐतराज नहीं रहा है। जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) का छोड़ महागठबंधन के अन्य घटक दल पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि उन्हें RJD के नेतृत्व से इनकार नहीं है।
बहरहाल, यह तय हो गया है कि महागठबंधन में वाम दलों को जीतने लायक सीटें देकर जोड़ लिया जाए। CPI नेतृत्व से 2 दौर की बातचीत हो गई है। CPIML (माले) के साथ RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद की बातचीत का एक दौर खत्म हो गया है। कोरोना संकट कम हो तो दूसरे दौर की बातचीत भी जल्द होगी। सूत्रों ने बताया कि फिलहाल सीटों की संख्या तय नहीं हुई है, लेकिन एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है।
सीटों के बंटवारे के लिहाज से महागठबंधन 2 हिस्से में काम कर रहा है। RJD को जिम्मेवारी दी गई है कि CPIML (माले) और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के साथ बातचीत करे। उनकी जीतने लायक सीटों की पहचान करे। उसके बाद विधानसभा क्षेत्र के नाम सहित सीटों की संख्या तय कर दे। कांग्रेस को CPI, CPM और RLSP से बातचीत का जिम्मा दिया गया है।
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी की गतिविधियों पर नजर रखने और उन्हें महागठबंधन में जोड़े रखने की संभावनाओं को टटोलने का जिम्मा भी कांग्रेस को ही दिया गया है। मांझी इस समय तक दुविधा में हैं। कांग्रेस उन्हें महागठबंधन से जोड़कर रखने की राय में है।
सवाल यह है कि महागठबंधन का नेतृत्व कौन करे? CPIML (माले) केंद्रीय कमेटी के सदस्य धीरेंद्र झा ने कहा कि जनाधार और राजनीतिक सक्रियता के लिहाज से तेजस्वी यादव महागठबंधन के नेतृत्व के स्वाभाविक दावेदार हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी इस समय भी राज्य के राजनीतिक दलों में सबसे मजबूत आधार वाले दल का नेतृत्व कर रहे हैं। विधानसभा में उनके सदस्यों की संख्या मुख्य सत्तारूढ़ दल JDU से अधिक है, इसलिए उनके नेतृत्व पर कोई विवाद नहीं हो सकता है।
विदित हो कि इसके पहले RLSP सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा भी कह चुके हैं कि अगर महागठबंधन के घटक दल तेजस्वी के नाम पर सहमत होते हैं तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं होगा। VIP सुप्रीमो मुकेश सहनी भी तेजस्वी को महागठबंधन का नेता मान रहे हैं। कांग्रेस भी RJD के नेतृत्व को स्वीकार कर रही है।