प्रियंका गांधी vs IPS अर्चना: बदसलूकी या फिर झूठ ?

प्रियंका गांधी वाड्रा की तरफ से UP पुलिस पर लगाए गए आरोप के मामले ने खासा तूल पकड़ लिया है। जहां एक तरफ कांग्रेस पार्टी इस मामले पर फ्रंट फुट पर आने की कोशिश में हैं, वहीं BJP ने पूरे घटनाक्रम को ‘नौटंकी’ करार दिया है। बीजेपी नेता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, ‘पूरा परिवार झूठ पर फल-फूल रहा है। इस तरह के काम से उन्हें सिर्फ अस्थायी पब्लिसिटी मिलेगी वोट नहीं। प्रियंका वाड्रा की नौटंकी की निंदा होनी चाहिए।’ मामला शनिवार उस समय का है, जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पूर्व IPS एसआर दारापुरी और कांग्रेस प्रवक्ता सदफ जफर से मिलने जा रही थीं। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में हुई हिंसा भड़काने तथा अन्य आरोप में पुलिस ने पूर्व IPS एस.आर. दारापुरी, सोशल ऐक्टिविस्ट तथा कांग्रेस प्रवक्ता सदफ जफर को गिरफ्तार किया हुआ है। प्रियंका को पुलिस ने वहां जाने से रोक दिया। इस दौरान प्रियंका तेजी आगे बढ़ते हुए निकली।

प्रियंका गांधी ने UP पूलिस पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘मैं अपना प्रोग्राम खत्म करके, बगैर किसी को कहे ताकि तमाशा न हो और डिस्टर्बेंस न हो, हम 4-5 लोग गाड़ी में बैठकर यहां आ रहे थे, दारापुरी जी के परिवार से मिलने। रास्ते में पुलिस एक गाड़ी आई और उन्होंने हमारी गाड़ी के आगे रोक दी। उन्होंने हमसे कहा कि आप नहीं जा सकते। हमने पूछा कि क्यों नहीं जा सकते? उन्होंने कहा हम आपको जाने नहीं देंगे। मैंने कहा कि मुझे रोकिए। मैं गाड़ी से उतर गई। मैंने कहा कि मैं पैदल जाऊंगी। मैं पैदल चलने लगी तो मुझे घेरा, मेरा गला दबाया, मुझे पकड़कर धकेला। ऐसा एक महिला पुलिसकर्मचारी ने किया। मैं गिर गई, उसके बाद मैं फिर चलती रही। थोड़ी देर बाद फिर मुझे रोका, फिर मुझे पकड़ा। उसके बाद मैं अपने कार्यकर्ता के साथ टूवीलर पर बैठकर चली गई। उसके बाद उन्होंने टूवीलर को भी घेरा। मैं फिर पैदल यहां तक आई हूं।’

लखनऊ की CO डॉक्टर अर्चना सिंह ने पूरे मामले पर अपनी बात रखते हुए कहा, ‘यह बिल्कुल भी सच नहीं है। मैं उनकी (प्रियंका गांधी वाड्रा) की फ्लीट इंचार्ज थी। किसी ने भी उनके साथ बदसलूकी नहीं की थी। मुझे करीब साढ़े चार बजे सूचना मिली कि मैडम पार्टी कार्यालय ये अपने आवास पर जाएंगी। मैडम की फ्लीट तदानुसार रवाना की गई। फ्लीट का अगला हिस्सा उनके आवास की ओर मुड़ भी गया था, लेकिन मैम फ्लीट के साथ न जाकर सीधे जाने लगीं। मैं ये जानना चाहती थी कि मैडम कहां जाना चाहती हैं, ताकि उसे हिसाब से सुरक्षा इंतजाम किया जा सके। मैंने सिर्फ अपनी ड्यूटी निभाई है। इस दौरान मेरे साथ भी धक्का-मुक्की हुई है।’

कुछ समय बाद प्रियंका गांधी अपने ‘गला दबाने’ वाले बयान से पलट गईं। उन्होंने इस बार ‘गला दबाने’ की जगह ‘गले पर हाथ’ लगाने की बात कही।

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