3 हजार से ज्यादा MMS वायरल… किसी भी महिला को नहीं बख्शा, ये रहा प्रज्वल रेवन्ना की काली कहानी का पूरा सच !

यह भारत का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल हो सकता है. आइए आपको बताते हैं रेवन्ना की कहानी. इस कहानी की मुख्य भूमिका में रेवन्ना खुद है. प्रज्वल रेवन्ना, जिसने अपने कुकर्मों को छुपाने के लिए 1 जून 2023 को बेंगलुरु सिविल कोर्ट में केस दायर किया.

देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते और हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना ने कई महिलाओं का शोषण किया, जो आज देश छोड़ फरार हो चुका है. रेवन्ना की हरकतें ऐसी थीं कि उसने सांसद पद की गरिमा को तार-तार कर दिया. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे रेवन्ना जमीन घोटाले में फंसा और उसकी काली करतूतें देश के सामने आ गईं. दरअसल, प्रज्वल रेवन्ना की मुसीबत खुद उसका ड्राइवर बना. बताया जा रहा है कि जमीन के सौदे को लेकर मालिक और ड्राइवर के बीच विवाद हुआ था.

अपने मालिक से बदला लेने के लिए ड्राइवर ने अपने पास ऐसे सबूत रखे थे कि रेवन्ना की जिंदगी एक पल में बर्बाद हो सकती थी. ड्राइवर प्रज्वल रेवन्ना के विरोधियों से हाथ मिला लिया. और आज सांसद प्रज्वल रेवन्ना की कहानी दुनिया के सामने आ गई है, जिसे रेवन्ना कई सालों से छुपाने की कोशिश कर रहा था.

अपनी कहानी का खुद ही है मास्टरमाइंड

माना जा रहा है कि यह भारत का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल हो सकता है. आइए आपको बताते हैं रेवन्ना की कहानी. इस कहानी की मुख्य भूमिका में रेवन्ना खुद है. प्रज्वल रेवन्ना, जिसने अपने कुकर्मों को छुपाने के लिए 1 जून 2023 को बेंगलुरु सिविल कोर्ट में केस दायर किया. ये मामला देश के 86 मीडिया संस्थानों और तीन लोगों के खिलाफ था. जिसमें उसका ड्राइवर भी था. सांसद ने आरोप लगाया कि कई मीडिया संस्थान उनकी छवि खराब करने के लिए सार्वजनिक मंच पर फर्जी वीडियो और तस्वीरें शेयर कर सकते हैं. कोर्ट ने रेवन्ना को राहत देते हुए फोटो और वीडियो दिखाने पर रोक लगा दी.

एक जमीन की डील बन गई फांस

करीब सात साल पहले जब रेवन्ना और ड्राइवर के बीच अनबन हुई तो ड्राइवर कार्तिक गौड़ा ने नौकरी छोड़ दी. अब रेवन्ना को डर था कि कार्तिक को उसकी काली कहानी का पूरा सच जानता है और उसके पास ऐसे सबूत हैं जो रेवन्ना को बर्बाद कर सकते हैं. कोर्ट के आदेश के बाद भी कार्तिक नहीं रुका, दिसंबर 2023 में कार्तिक हासन थाने पहुंचा, जिसमें उसने प्रज्वल को 13 एकड़ जमीन नहीं देने का आरोप लगाया. प्रज्वल और उसकी मां ने कार्तिक और उसके पत्ते का अपहरण कर लिया था. अब सवाल ये है कि प्रज्वल के खिलाफ केस कौन दर्ज करेगा, वो भी हासन थाने में, जहां से वो सांसद हैं. किस पुलिसकर्मी में है सांसद के खिलाफ केस दर्ज करने की हिम्मत? आखिर में कार्तिक का केस पुलिस ने दर्ज नहीं किया.

स्थानीय बीजेपी नेता लगाया गंभीर आरोप

साल 2024 स्थानीय बीजेपी नेता और वकील देवराज गौड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि साल 2023 में जब मैं दिसंबर में एक केस लड़ रहा था, तब मेरी मुलाकात कार्तिक से हुई, जिसने रेवन्ना के कई वीडियो दिखाए, ये वाकई हैरान करने वाला था. मुझे नहीं पता कि कार्तिक को ये सब कहां से मिला. उन्होंने बताया कि मैं उन सभी महिलाओं को इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में लाना चाहता था लेकिन उन महिलाओं के सम्मान में मैं न तो उन्हें सामने लाया और न ही वीडियो शेयर किया. आपको बता दें कि देवराज गौड़ा वो ही शख्स हैं जिनकी याचिका पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने प्रज्वल की सांसद सदस्यता खत्म कर दी थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया था, जिससे रेवन्ना की संसदी बच गई.

कांग्रेस ने सेट किया गेम ?

बीजेपी नेता देवराज ने दावा किया कि उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि अगर प्रज्वल रेवन्ना को टिकट मिला तो परेशानी हो सकती है. उन्होंने दावा किया है कि अगर उन्हें एनडीए से टिकट मिलता है तो कांग्रेस चुनाव में दांव खेल सकती है क्योंकि कांग्रेस भी रेवन्ना की काली कहानी को अच्छे से जानती है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन इन सबके बावजूद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नहीं एक नहीं सुनी. चुनाव से ठीक पहले 26 अप्रैल की वोटिंग से 24 घंटे पहले वीडियो शेयर कर दिए. रेवन्ना की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.

किसी महिलाओं को नहीं बख्शा?

रेवन्ना पर किसी को नहीं बख्शने का आरोप लग रहा है. उसने अपने संपर्क में आने वाली सभी महिलाओं का शोषण किया. दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि जिन महिलाओं से उसने संबंध बनाए, वह उनके वीडियो भी बनाया. शल मीडिया पर सैकड़ों नहीं हजारों वीडियो वायरल हैं. तीन हजार से ज्यादा वीडियो वायरल हो रहे हैं. इस मामला के सामने आने के बाद प्रज्वल ने देश छोड़ दिया है. उसके खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है. मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है और उसकी ही पार्टी ने उन्हें बाहर कर दिया है.

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