India Maldives Relations: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु के तेवर लगातार बदल रहे हैं. भारत के खिलाफ जहर उगलने के बाद मालदीव को हुए आर्थिक नुकसान से सबक लेते हुए राष्ट्रपति मुइज्जू ने अब दोस्ताना रुख अख्तियार कर लिया है.
भारत और मालदीव के बीच पैदा हुआ तनाव अब धीरे-धीरे कम हो रहा है. इसी के साथ मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के तेवर भी नरम पड़ते जा रहे हैं और वह लगातार भारत की तारीफ कर रहे हैं. जून में जब पीएम मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली तो मुइज्जू शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली आए थे. अब राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने ऋण भुगतान को आसान बनाने में द्वीप राष्ट्र के समर्थन के लिए भारत और पीएम मोदी का आभार जताया है. इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि नई दिल्ली और माले मजबूत संबंध बनाएंगे और मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे.
स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान जताया आभार
मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू शुक्रवार को मालदीव में स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए भारत के लिए कई बातें कहीं. मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, अपने संबोधन के दौरान उन्होंने आठ महीने की ‘राजनयिक सफलता’ का जश्न मनाते हुए प्रशासन की विदेश नीति की सराहना की. राष्ट्रपति मुइज्जू ने मालदीव के ऋण भुगतान को आसान बनाने में समर्थन के लिए भारत और चीन का आभार व्यक्त किया, जिससे देश आर्थिक संप्रभुता सुनिश्चित करने में सक्षम हुआ. अमेरिकी डॉलर की स्थानीय कमी को दूर करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि मालदीव सरकार नई दिल्ली और बीजिंग दोनों के साथ मुद्रा विनिमय समझौते पर बातचीत कर रही है.
मालदीव के राष्ट्रपति ने यह भी घोषणा की कि उनका प्रशासन यूनाइटेड किंगडम के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत कर रहा है और भारत के साथ इसी तरह के समझौते पर पहुंचने की उम्मीद जताई. विशेष रूप से, मालदीव में मोहम्मद मुइज्जू सरकार ने दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आने के बाद सुलह का रुख अपनाया, जिससे राजनयिक विवाद पैदा हो गया.
पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में हुए थे शामिल
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार तीसरी बार पद संभालने के बाद राष्ट्रपति मुइज्जू भी उनके शपथ समारोह में शामिल हुए थे. इस साल की शुरुआत में मुइज्जू ने लगातार सरकारों के दौरान देश से लिए गए भारी कर्ज के पुनर्भुगतान में ऋण राहत उपायों की मांग की थी. उन्होंने यहां तक कहा कि भारत मालदीव का “निकटतम सहयोगी” बना रहेगा और इस बात पर जोर दिया कि इसके बारे में कोई सवाल ही नहीं है. मालदीव स्थित द एडिशन के अनुसार, पिछले साल के अंत तक भारत द्वारा मालदीव को दी गई ऋण राशि 6.2 बिलियन मालदीवियन रुफिया थी.
मुइज्जू ने की थी भारत विरोधी बयानबाजी
विशेष रूप से, इस साल की शुरुआत में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मालदीव को चेतावनी दी थी कि महत्वपूर्ण नीतिगत बदलावों के बिना उसे ऋण संकट का उच्च जोखिम का सामना करना पड़ सकता है. गौरतलब है कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने ‘भारत विरोधी’ बयानबाजी की है और उन्होंने ‘इंडिया आउट’ की तर्ज पर चुनावी अभियान भी चलाया था. भारतीय सैनिकों को देश से हटाना मुइज्जू की पार्टी का मुख्य चुनाव अभियान था
भारत के खिलाफ जहर उगलने लगे थे राष्ट्रपति मुइज्जू
सत्ता में आने के बाद से उन्होंने कई ऐसे कदम उठाए हैं जो भारत-मालदीव संबंधों के लिहाज से अपरंपरागत रहे हैं. वह पहली आधिकारिक यात्रा पर भारत का दौरा न करके एक लंबे सम्मेलन से चले गए और इसके बजाय तुर्की चले गए, उसके बाद चीन गए. उनकी यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने अपने संबंधों को व्यापक रणनीतिक सहकारी साझेदारी तक बढ़ाया और लगभग 20 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. वहीं पिछले दिसंबर में मालदीव ने कहा था कि वह भारत के साथ किए गए हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण समझौते को नवीनीकृत नहीं करेगा
मुइज्जू सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर भारत से सेना वापस बुलाने का अनुरोध करने के बाद, भारत सरकार ने इस मामले पर चर्चा करने के लिए एक उच्च-स्तरीय कोर समूह का गठन किया. भारतीय सैनिकों की वापसी इसी साल मई में पूरी हुई थी. भारत के साथ तनाव का मालदीव को काफी नुकसान भी हुआ. इस साल की शुरुआत में मालदीव पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला कि मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में पिछले साल की तुलना में 33 प्रतिशत की गिरावट आई है