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Maharshtra Politics: संजय राउत ने ओवैसी की पार्टी को दिखाया ठेंगा, कहा- हमें किसी चौथे की जरूरत नहीं

Maharshtra Politics: इम्तियाज जलील ने स्पष्ट किया कि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम भाजपा की ‘बी’ टीम नहीं है, जैसे कि मुख्यधारा की पार्टियां आरोप लगाती हैं. जलील ने बताया कि एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री राजेश टोपे शुक्रवार को उनके घर पहुंचे थे,

शिवसेना के सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र में तीन पार्टियों की सरकार है और इसमें चौथा कोई नहीं आएगा. बता दें कि एआईएमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने कहा था कि उनकी पार्टी कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन के लिए तैयार है. महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाडी सरकार का हिस्सा हैं.

संजय राउत ने इम्तियाज जलील के प्रस्ताव पर कहा, ‘बीजेपी और एआईएमआईएम ये दोनों एक दूसरे से मिले हैं. एआईएमआईएम बीजेपी की B टीम है. उनके प्रस्ताव को हम ठुकराते हैं. महाराष्ट्र में तीन पार्टी की सरकार है और इसमें चौथा कोई नहीं आएगा. यूपी और बंगाल में सबने देखा है कि AIMIM की क्या भूमिका थी. हम दूर से ही उनको नमस्कार करते हैं.’

‘एआईएमआईएम भाजपा की ‘बी’ टीम नहीं’
हालांकि इम्तियाज जलील ने स्पष्ट किया कि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम भाजपा की ‘बी’ टीम नहीं है, जैसे कि मुख्यधारा की पार्टियां आरोप लगाती हैं. जलील ने बताया कि एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री राजेश टोपे शुक्रवार को उनके घर पहुंचे थे, तब उन्होंने उन्हें कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन करने की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की इच्छा से अवगत कराया.

टोपे से मिले थे जलील
एआईएमआईएम की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जलील ने शुक्रवार रात संवाददाताओं से कहा कि उनकी मां के निधन के कुछ दिनों बाद शुक्रवार को टोपे उनसे मिलने आए थे. जीलल ने कहा कि अक्सर यह आरोप लगाया जाता है कि भारतीय जनता पार्टी एआईएमआईएम की वजह से जीतती है, क्योंकि मुस्लिम मतों का विभाजन हो जाता है. जलील ने कहा,“इस आरोप को गलत साबित करने के लिए मैंने टोपे को गठबंधन के लिए तैयार होने की जानकारी दी. हालांकि, उन्होंने मेरे प्रस्ताव के बारे में कुछ नहीं कहा.’

हाथ मिलाने को तैयार
उन्होंने कहा, अब हम यह देखना चाहते हैं कि ये एआईएमआईएम के खिलाफ महज आरोप हैं या फिर कांग्रेस-एनसीपी हमारे साथ हाथ मिलने को तैयार हैं. एआईएमआईएम के प्रस्ताव को लेकर शिवसेना के संभावित रुख पर औरंगाबाद से सांसद जलील ने कोई भी स्पष्ट जवाब देने से इनकार कर दिया. जलील ने कहा, ‘हकीकत यह है कि ये पार्टियां मुस्लिमों के वोट चाहती हैं. सिर्फ एनसीपी ही क्यों? कांग्रेस भी कहती है कि वह धर्म निरपेक्ष है और उसे भी मुस्लिम वोट चाहिए। हम उसके साथ भी हाथ मिलाने को तैयार हैं.’

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा देश का काफी नुकसान कर चुकी है और एआईएमआईएम उसे हराने के लिए सब कुछ करने को तैयार है. जलील ने कहा कि एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साथ भी गठबंधन के बारे में बात की थी, लेकिन वे मुसलमानों के वोट चाहते थे, पर असदुद्दीन ओवैसी को नहीं, जो पार्टी के प्रमुख हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भी ये पार्टियां (कांग्रेस और एनसीपी) मुसलमानों के वोट चाहती हैं, लेकिन एआईएमआईएम को नहीं. यह पूछे जाने पर कि क्या गठबंधन का उनका प्रस्ताव औरंगाबाद नगर निगम तक सीमित है? इसके जवाब में जलील ने कहा कि एआईएमआईएम का भावी कदम कांग्रेस और एनसीपी से मिली प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, ‘नहीं तो हम अकेले जा सकते हैं. हम उन्हें गठबंधन का मौका दे रहे हैं, क्योंकि वे हमें भाजपा की ‘बी’ टीम कहते हैं.’

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