महाराष्ट्र(Maharashtra) में बीजेपी-शिवसेना (BJP-Shivsena) के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान जारी है, बता दें कि चुनावी नतीजों में बीजेपी(BJP) भले ही महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी हो, मगर उसे स्पष्ट बहुमत नहीं प्राप्त हुआ है, उसे शिवसेना(Shivsena) का समर्थन चहिए होगा, यही वजह है कि सरकार बनाने को लेकर शिवसेना-बीजेपी के बीच सहमति बनना बेहत मुश्किल है।
महाराष्ट्र की सत्ता की चाबी फिलहाल एनसीपी(NCP) के हाथों में नजर आ रही है, क्योंकि इस वक्त शरद पवार बीजेपी या शिवसेना में जिसके साथ खड़े हो जाएं, सत्ता का सिंहासन उसका है। मगर शरद पवार से लेकर एनसीपी के तमाम नेता सरकार बनाने से ज्यादा विपक्ष में बैठने को लेकर सहमत हैं, ऐसे में अगर एनसीपी अगर अपने स्टैंड पर कायम रहती है तो शिवसेना से पास बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के सिवा कोई और विकल्प नहीं बचेगा।
हरियाणा में सरकार के गठन के बाद अब बारी महाराष्ट्र की है, जहां पर हलचल तेज हो चुकी है, सोमवार सुबह पहले शिवसेना और फिर भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग राज्यपाल से मिलने पहुंचा, जिसने दोनों पार्टियों के बीच चल रही तनातनी को और भी हवा दे दी।
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर शिवसेना-बीजेपी को बहुमत मिला है। 288 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को 161 सीटें मिलीं जबकि कांग्रेस-एनसीपी और इसके दूसरे सहयोगियों ने 117 सीटें हासिल कीं। चुनाव नतीजों के बाद से ही शिवसेना 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी हुई है।