देशभर में आज विजयदशमी(Vijayadashami) का त्यौहार धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है, बुराई के प्रतीक रावण के पुतले जलाए जा रहे हैं, मगर आप ये जानकर हैरान होगें कि एक जगह ऐसी भी है जहां रावण (Ravan) का पुतला नहीं जलाया जाता बल्कि रावण की प्रतिमा की पूजा की जाती है। जी हां हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के मंदसौरजनपद की जहां रावण की पूजा होती है और ऐसा इसलिए क्योंकि दशानन को इस गांव का जमाईराजा (son-in-law) माना जाता है, कहा जाता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी इसी गांव की रहने वाली थी।
जमाई राजा की पूजा
मंदसौर के खानपुरा गांव में दशहरे पर हाथों में आरती की थाली लेकर लोग गाजे बाजे के साथ नाचते गाते हुए ढोल नगाड़े बजाते हुए जुलूस निकालते हैं। ये लोग दशहरे के उत्सव पर भगवान राम की झांकी में रावण का पुतला जलाने नहीं जाते बल्कि अपने जमाई राजा यानि रावण की पूजा करने निकलते हैं, ह्मम अब दुनिया की नज़रों में भले ही रावण बुराई का प्रतीक हो, लेकिन इनकी नज़र में तो वो जमाई बाबू हैं भई…