वर्ष 2020 में शरद नवरात्रि 17 अक्टूबर, शनिवार से प्रारंभ हो रही है और 10 दिनों तक चलने वाला Devi Shakti को समर्पित ये पर्व 26 अक्टूबर, सोमवार तक देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस बार अधिकमास लगने के कारण शारदीय Navratri एक महीने की देरी से शुरू होगी। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष पितृपक्ष के समाप्ति के बाद अगले दिन से ही शारदीय Navratri शुरू हो जाती है लेकिन इस बार अधिक मास होने के कारण पितरों की विदाई के बाद Navratri का त्योहार शुरू नहीं हो सका। इस बार नवरात्रि 17 अक्टूबर 2020 से शुरू होकर 25 अक्टूबर तक चलेगी। हिंदू धर्म में Navratri का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है।
वैसे तो मां दुर्गा का वाहन सिंह को माना जाता है लेकिन हर साल नवरात्रि के समय तिथि के अनुसार माता अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर धरती पर आगमन करती हैं। ज्योतिषशास्त्र और देवीभागवत पुराण के अनुसार मां दुर्गा का आगमन आने वाले भविष्य की घटनाओं के बारे में संकेत देता है। देवीभागवत पुराण के अनुसार Navratri की शुरुआत सोमवार या रविवार को होने पर देवी दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। वहीं अगर शनिवार या मंगलवार को नवरात्रि की शुरुआत होती है तो मां घोड़े पर सवार होकर आती हैं। गुरुवार या शुक्रवार को Navratri आरंभ होने पर माता डोली पर आती हैं और बुधवार के दिन Navratri प्रारंभ होने पर मां नाव की सवारी कर धरती पर आती हैं। माता जिस वाहन से पृथ्वी पर आती हैं उसके अनुसार वर्ष में होने वाली घटनाओं का भी आकलन किया जाता है।
शनिवार को शारदीय नवरात्रि की शुरुआत
इस बार शारदीय नवरात्रि का आरंभ शनिवार के दिन हो रहा है। ऐसे में देवीभाग्वत पुराण के कहे श्लोक के अनुसार माता का वाहन अश्व यानि घोड़ा होगा। ऐसे में पड़ोसी देशों से युद्ध, छत्र भंग, आंधी-तूफान के साथ कुछ राज्यों में सत्ता में उथल-पुथल भी होने की संभावना है। वैसे ही माता के विदाई की सवारी भी भविष्य में घटने वाली घटनाओं की ओर इशारा करता है। इस बार विजयादशमी रविवार को है। शास्त्रों के अनुसार रविवार के दिन विजयादशमी होने पर माता हाथी पर सवार होकर वापस कैलाश की ओर प्रस्थान करती हैं। माता की विदाई हाथी पर होने से आने वाले साल में खूब वर्षा होती है।