Navratri 2020

नवरात्रि में मां दुर्गा को खुश करने के लिए करें सोलह श्रृंगार ,आपकी मनोकामनाएं होगी पूरी

नवरात्रि 17 अक्टूबर यानी कि कल से शुरू हो रहे हैं। नवरात्रि में माता रानी के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना होती है। Navratri के पर्व पर महिलाएं भी देवी मां की पूजा के लिए खूब सज धज कर तैयार होती हैं। Navratri में महिलाएं मां को खुश करने के लिए सोलह Shringar करती हैं। आइए जानते हैं मां को खुश करने के लिए कौन से सोहल श्रृंगार किए जाते हैं…


फूलों का श्रृंगार
सोलह श्रृंगार में फूलों से Shringar करना शुभ माना गया है। बरसात के मौसम में उमस बड़ जाती है। सूर्य और चंद्रमा की शक्ति वर्षा ऋतु में क्षीण हो जाती है। इसलिए इस ऋतु में आलस आता है। मन को प्रसन्नचित रखने के लिए फुलों को बालों में लगाना अच्छा माना गया है। फूलों की महक ताजगी प्रदान करती है।


बिंदी या टीका
इसे भी एक Shringar के तौर पर माना गया है। माथे पर सिंदूर का टीका लगाने से सकारात्मक ऊर्जा महसूस होती है। इससे मानसिक शांति भी मिलती है। इस दिन चंदन का भी टीका लगाया जाता है।

मेहंदी
हरियाली तीज पर मेहंदी लगाने की परंपरा है। स्त्रियां खास तौर पर इस दिन हाथों में मेहंदी लगाती हैं। ये सोलह Shringar के प्रमुख Shringar में से एक है। मेहंदी शरीर को शीतलता प्रदान करती है और त्वचा संबंधी रोगों को दूर करती है।

मांग में सिंदूर
मांग में सिंदूर लगाना सुहाग की निशानी है। वहीं इस स्थान पर सिंदूर लगाने से चेहरे पर निखार आता है। इसका अपने वैज्ञानिक फायदे भी होते हैं। मान्यता है कि मांग में सिंदूर लगाने से शरीर में विद्युत ऊर्जा को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है।

गले में मंगल सूत्र
मोती और स्वर्ण से युक्त मंगल सूत्र या हार पहनने से ग्रहों की नकारात्मक ऊर्जा को रोकने में मदद मिलती है। वहीं इससे प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है। कहते हैं कि गले में स्वर्ण आभूषण पहनने से हृदय रोग संबंधी रोग नहीं होते हैं। हृदय की धड़कन नियंत्रित रहती है। वहीं मोती चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करते हैं. इससे मन चंचल नहीं होता है।

कानों में कुंडल
कान में आभूषण या बाली पहनने से मानसिक तनाव नहीं होता है। कर्ण छेदन से आंखों की रोशनी तेज होती है। यह सिर का दर्द कम करने में भी सहायक होता है।

माथे पर स्वर्ण टिका
माथे पर स्वर्ण का टिका महिलाओं की सुंदरता बढ़ाता है। वहीं मस्तिष्क का नर्वस सिस्टम भी अच्छा रहता है।

कंगन या चूड़ियां
हाथों में कंगन या चूड़ियां पहनने से रक्त का संचार ठीक रहता है। इससे थकान नहीं नहीं होती है। साथ ही यह हॉर्मोंस को भी नहीं बिगड़ने देती हैं।

बाजूबंद
इसे पहनने से भुजाओं में रक्त प्रवाह ठीक बना रहता है। कहते हैं कि इससे दर्द से मुक्ति मिलती है। वहीं इससे सुंदरता में निखार आता है।

कमरबंद
इससे पहनने से पेट संबंधी दिक्क्तें कम होती हैं। कई बीमारियों से बचाव होता है। हार्निया जैसी बीमारी होने का खतरा कम होता है।

पायल
पायल पैरों की सुंदरता में चार चांद लगाती हैं। वहीं इनको पहनने से पैरों से निकलने वाली शारीरिक विद्युत ऊर्जा शरीर में संरक्षित होती है। इसका एक बड़ा कार्य महिलाओं में वसा को बढ़ने से रोकना भी है। कहते हैं कि चांदी की पायल पैरों की हड्डियों को मजबूत बनाती हैं।

बिछिया
बिछिया को सुहाग की एक प्रमुख निशानी के तौर पर माना जाता है लेकिन इसका प्रयोग पैरों की सुंदरता तक ही सीमित नहीं है। बिछिया नर्वस सिस्टम और मांसपेशियां को मजबूत बनाए रखने में भी मददगार होती है।

नथनी
नथनी चेहरे की सुंदरता में चार चांद लगाती है। यह एक प्रमुख श्रृंगार है लेकिन इसका वैज्ञानिक महत्व भी है। नाक में स्वर्ण का तार या आभूषण पहनने से महिलाओं में दर्द सहन करने की क्षमता बढ़ती है।

अंगूठी
अंगूठी पहनने से रक्त का संचार शरीर में सही बना रहता है। इससे हाथों की सुंदरता बढ़ती है। इससे पहनने से आलस कम आता है।

काजल
काजल आंखों की सुरंदता को बढ़ाता है। वहीं आंखों की रोशनी भी तेज करने में सहायक होता है। इससे नेत्र संबंधी रोग दूर होते हैं।

मेकअप
मुख पर ब्यूटी प्रोडक्ट्स लगाने से चेहरे की सुंदरता बढ़ती है। वहीं इससे महिलाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और ऊर्जा बनी रहती है।

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