बिहार विधानसभा में 23 मार्च को हुई घटना को लेकर आखिर सदन में चर्चा हुई। इस दौरान Tejaswi Yadav ने सत्ता पक्ष पर जमकर निशाना साधा और तल्ख अंदाज में कई बार CM Nitish Kumar पर भी कई कटाक्ष किए। इस दौरान चर्चा की शुरुआत करते हुए तेजस्वी ने कहा कि आज वे नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से नहीं बल्कि एक जनप्रतिनिधि के तौर पर बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि 23 मार्च को लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि आसन की सदन चलाने में बड़ी जिम्मेदारी होती है। सत्ता तो आती जाती रहती है। कहीं ऐसा न हो कि जहां आप हैं वहां हम आ जाएं, आप विरोध करें और हम गोली चलवा दें और फिर सिर्फ 2 सिपाहियों को सस्पेंड कर दें।
उन्होंने कहा कि CM Nitish Kumar अपना धैर्य खोते जा रहे हैं। विधायकों को पुलिस के बूटों से पिटवाया गया, उनसे अभद्र भाषा में बात की गई। उन्होंने कहा कि हम केवल कानून का विराध कर रहे थे उस दिन, आपका नहीं। आज कानून से क्या हो रहा है आप भी देख रहे हैं और हम भी। कोई बात थी तो हमसे बात करते तो विधायकों के साथ इतना बड़ा हादसा नहीं होता। इतना होने के बाद भी सीएम ने एक शब्द भी नहीं बोला।
मंत्री की ही नहीं सुनते अधिकारी
तेजस्वी ने कहा कि जब अधिकारी मंत्रियों की ही नहीं सुनते तो आम लोगों की क्या सुनेंगे। पूरे राज्य में अधिकारियों का बोलबाला हो रहा है, वे मनमर्जी चला रहे हैं। तेजस्वी ने कहा कि कौन है वो अधिकारी जो सफेद कपड़े पहन कर MLC के कहने पर एक एक कर के विधायकों को बाहर ले जाकर उनकी पिटाई कर रहा था। तेजस्वी ने सवाल किया कि सिर्फ 2 सिपाही सस्पेंड हुए हैं, क्या वे 2 विधायकों को पीट सकते हैं? अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष को यदि आज लगता है कि विधायक भी दोषी है और यदि हमारे किसी विधायक को सजा देनी है तो आप मुझे सजा दीजिए, हमारे किसी साथी को सजा नहीं दे सकते हैं।
23 मार्च की घटना पर BJP नेता और पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि लोग 23 मार्च की घटना पर चर्चा क्यों कर रहे हैं, समझ नहीं आ रहा है। अब आपने चर्चा का फैसला लिया है तो हम भी अपनी बात रख रहे हैं। कुछ लोगों ने खुद को मुख्यमंत्री मान लिया था, नहीं बन पाए। जिस कानून की बात हो रही, 6 माह हो गए, एक कोई घटना हुई हो, तो बता दीजिए। उन्होंने कहा कि विपक्ष को अपनी बात कहने का पूरा हक है। लेकिन क्या किसी सदस्य को इस बात का अधिकार है कि किसी कानून का पन्ना फाड़कर फेंक दें।
संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने सरकार की तरफ से जवाब देते हुए कहा कि पिछले 3 दिनों से इस घटना की चर्चा हो रही है। आज इस घटना का पटाक्षेप हो जाएगा। हम सरकार की तरफ से यही कहना चाहते हैं कि 23 मार्च की घटना का मामला शुद्ध रूप से विधानसभा अध्यक्ष के क्षेत्राधिकार का मामला है। अब यह बताया जाए कि सरकार किस बात का जवाब दे। उस दिन भी सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश का पालन किया। विधानसभा के अंदर पुलिस आई तो विधानसभा अध्यक्ष के आदेश पर….
चर्चा के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष की बातों को सुनने के बाद बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अगर किसी विधायक को बूट CORONA से मारा गया, तो वो पूरी विधायिका का अपमान है। अभी CORONA काल चल रहा है, कल की सुबह कौन देखेगा, किसी को पता नहीं। आप आम नहीं खास हैं, कोई किसी की तकदीर और भाग्य को नहीं जानता है। किसी के भाव को दबाने का काम नहीं करना चाहिए।