नए साल के पहले दिन लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap yadav) हरिद्वार में घूमते इिखे। वहां उन्होंने गंगा नदी (Ganges River) में पुष्प अर्पित किया तथा बताया कि समुंद्र मंथन के बाद जब भगवान विश्वकर्मा (Lord Vishwakarma) अमृत के लिए झगड़ते देव-दानवों से बचाकर अमृत ले जा रहे थे, तब पृथ्वी पर कुछ जगह अमृत की बूंदें गिर गईं थीं। ऐसे स्थान धर्मस्थल बन गए। हरिद्वार के हर की पौड़ी (Har ke Paudi) में भी अमृत की कुछ बूंदें गिर गई थी।
नए साल के पहले दिन तेज प्रताप यादव (Tej Pratap yadav) हरिद्वार में पूजा-पाठ में तल्लीन रहे। इस क्रम में उन्होंने वहां पवित्र गंगा नदी में पुष्प अर्पित किए। साथ ही देशवासियों को नववर्ष 2022 की बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
धार्मिक प्रवृत्ति के लिए जाने जाते हैं लालू के बड़े लाल
लालू के लालू तेज प्रताप यादव (Tej Pratap yadav) अपनी धार्मिक प्रवृत्ति के लिए जाने जाते हैं। वे अक्सर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने वृंदावन (Vrindavan) जाते हैं। सावन के महीने में वे भगवान भोलेनाथ की नगरी देवघर (Deoghar) भी जाते रहे हैं। तेज प्रताप यादव (Tej Pratap yadav) दशहरा के दौरान मां दुर्गा की पूजा भी करते रहे हैं। इश्वर आराधना में तेज प्रताप को शांति मिलती है। ऐसे मेंआश्चर्य नहीं कि तेज प्रताप ने नए साल का पहला दिन शांति की तलाश में इश्वर भक्ति के नाम किया।
हाल ही में तेज प्रताप के खिलाफ दर्ज हुई एफआइआर
ज्ञात हो कि हाल ही में तेज प्रताप यादव (Tej Pratap yadav) के खिलाफ समस्तीपुर के रोसड़ा थाने में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2021) में दिए शपथ पथ में संपत्ति छिपाने के आरोप में एफआइआर (FIR) दर्ज की गई है। हालांकि, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस एफआइआर को चुनाव आयोग द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण बताया गया है। आरजेडी के प्रवक्ता चित्तरंजन गगन के अनुसार विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों की सूची राज्यपाल को सौंपे जाने और राज्यपाल द्वारा विधानसभा के गठन की अधिसूचना जारी होने के साथ चुनाव आयोग की भूमिका समाप्त हो जाती है। उसके बाद किसी मामले के निराकरण का अधिकार न्यायालय का होता है, न कि चुनाव आयोग का। इसी आधार पर तेज प्रताप यादव (Tej Pratap yadav) के खिलाफ एक मामला पटना उच्च न्यायालय में विचाराधीन भी है।