प्राइवेट वेदर एजेंसी स्काईमेट ने दावा किया है कि 30 मई (शनिवार)को मानसून केरल के तट से टकरा गया। भारतीय मौसम विभाग (IMD)के पूर्वानुमान के उलट 2 दिन पहले ही मानसून केरल पहुंच गया। IMD ने 1 जून को मानसून के पहुंचने की बात कही थी।
मौसम विभाग ने अप्रैल में कहा था कि इस बार मानसून औसत ही रहने वाला है। विभाग के मुताबिक, 96 से 100% बारिश को सामान्य मानसून माना जाता है। पिछले साल यह आठ दिन की देरी से 8 जून को केरल के समुद्र तट से टकराया था। भारत में जून से सितंबर के बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून से बारिश होती है।
कोरोना महामारी के चलते देशभर में लॉकडाउन लागू है। इस वजह से एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में शुमार भारतीय अर्थव्यवस्था इन दिनों मुश्किलों का सामना कर रही है।
भारत जैसे कृषि प्रधान देश के लिए मानसून बेहद जरूरी है। यहाँ अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा कृषि आधारित है। देश में आधे से ज्यादा खेती सिंचाई के लिए बारिश पर ही निर्भर होती है। चावल, मक्का, गन्ना, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों के लिए बारिश बेहद जरूरी होती है।
अरब सागर के ऊपर तूफान सक्रिय
आईएमडी ने शनिवार को कहा कि अगले 48 घंटे में अरब सागर के ऊपर एक निन्न दबाव का क्षेत्र बनेगा और वह तीन जून तक गुजरात और उत्तर महाराष्ट्र के तटों की ओर बढ़ेगा।अरब सागर के ऊपर दो तूफान बन रहे हैं, जिसमें से एक अफ्रीकी तट से लगे समुद्र क्षेत्र के ऊपर है और वह ओमान व यमन की ओर बढ़ सकता है, जबकि दूसरा भारत के करीब है।