नीतीश या तेजस्वी? क्या कहता है ज्योतिष विज्ञान

भारतीय परंपरा और संस्कृति में ज्योतिष शास्त्र (Astrology) का अपना अहम स्थान है भारत में इसे केवल केवल भाग्य जानने का एक आसान जरिया भी है, और इसे एक विज्ञान भी माना जाता है। ज्योतिष का क्षेत्र तो काफी विस्तृत है, लेकिन अंक शास्त्र का क्षेत्र ज्योतिष की तुलना में सीमित है। हर जगह हम अंकों में अपना भविष्यफल खोजने लगते हैं।

बड़े-बड़े फिल्मी सितारें, बड़ी सफल हस्तियां भी अंक विज्ञान के प्रभाव से अछूती नहीं है। ऐसे में इसी आधार पर हमने भी बिहार के राजनीतिक भविष्य (Political Future of Bihar) को लेकर ज्योतिषीय गणना कि है।

बिहार के प्रमुख नेताओं के द्वारा घोषित जन्मतिथि के आधार पर ये ज्योतिषीय आकलन किया गया है, जो कि काफी हद तक आने वाली राजनीति भविष्य के बारे में बताता है। आइये जानते हैं कि बिहार के चार प्रमुख नेताओं की ज्योतिषीय गणना क्या कहती है?

CM नीतीश कुमार
CM नीतीश कुमार का जन्म अनुराधा नक्षत्र और वृश्चिक राशि में हुआ है। इस वर्ष प्रवेश कुंडली के आधार पर 25 जनवरी से नीतीश पर शनि का साढ़े साती हट गया है। ज्योतिष शास्त्र कहता है कि जब शनि जाता है तो वह कुछ देकर ही जाता है। इस कारण जो भी कार्य करेंगे इसमें सफलता मिलने की संभावना है। इसके साथ ही 10 सितंबर से 13 नवंबर तक मंगल थोड़ा वक्री हो जाता है। 23 सितंबर से वर्ष के अंत तक केतु का भी प्रभाव होगा जो मानसिक चिंता और बाधा का कारण हो सकता है, लेकिन कार्य सिद्ध होगा। हालांकि, थोड़ा विलंब हो सकता है।

सुशील मोदी
भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ BJP से गठबंधन है। सुशील मोदी का सतभिखा नक्षत्र है और कुंभ राशि है। इनके लिए भी 24 जनवरी से दिसंबर तक शनि का साढ़े साती प्रभाव है। इस कारण ये अपनी सेटिंग-गेटिंग में लगे रहेंगे। दौड़-धूप भी लगी रहेगी। 4 मई से 17 जून तक इनकी राशि पर मंगल का प्रभाव है। 11 मई से 28 सितंबर तक चूंकि कुंभ राशि के स्वामी शनि के वक्री होने के कारण थोड़ी उलझन बढ़ाएगा। हालांकि, अंत में सफलता मिल जाएगी। यानि गठबंधन टूटने की कोई संभावना नहीं दिख रही है।

तेजस्वी यादव
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का विशाखा नक्षत्र है और तुला राशि है। 24 जनवरी से पूरे वर्ष तक शनि का साढ़े साती है। इससे अधिक संघर्ष, पारिवारिक उलझन, कार्य सिद्धि में बाधा और आर्थिक परेशानी का योग है। 18 जून से वर्ष के अंत तक शनि के साथ मंगल की दृष्टि है। इससे उत्तेजना अधिक होगी, क्रोध अधिक होगा, जिससे कि महत्वपूर्ण कार्यों में बाधा आने के संकेत हैं। तनाव भी अधिक रहेगा इसका भी योग बन रहा है।

लालू प्रसाद यादव
RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का अश्विनी नक्षत्र है और मेष राशि है। इनके लिए 30 जून से 29 नवंबर तक बृहस्पति की शुभ दृष्टि है इन पर। लेकिन, 7 फरवरी 2020 से मंगल आठवां स्थान पर है, जिससे स्वास्थ्य में बाधा है। पारिवारिक उलझन रहेगी। 19 सितंबर से 13 नवंबर तक इनकी राशि वक्री हो गई है। इस कारण इनमें भी क्रोध अधिक रहेगा और उत्तेजना अधिक होगी।

दूसरी ओर तेजस्वी यादव के लिए पारिवारिक उलझन सबसे बड़ी बाधा बनने जा रही है। पिता को लेकर अधिक परेशानी होगी। 18 जून से वर्ष के अंत तक शनि के साथ मंगल सातवें और आठवें स्थान पर है। इससे क्रोध, उत्तेजना और तनाव रहेगा। इस कारण किसी की सही बात भी इन्हें गलत लगेगी, जिससे सही निर्णय लेने में चूक हो सकती है।

इन चारों ही व्यक्तियों की राशि और नक्षत्र के आधार पर की गई ज्योतिषीय गणना के आधार पर तो यही कहा जा सकता है कि नीतीश कुमार के लिए राह आसान होगी। हालांकि, राह इतनी सुगम भी नहीं होगी। दरअसल, ऐसी राजनीति की पूरी संभावना है कि बीजेपी और जेडीयू के बीच विवाद पैदा करने की कोशिश होगी, लेकिन ज्योतिषीय गणना के अनुसार अंतत: गठबंधन बने रहने की संभावना है।

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