कोरोना संकट (Corona Crisis) के बीच मौसम के मिजाज में अचानक आये बदलाव से ताजमहल (Taj mahal) को काफी नुकसान पहुंचा है। शुक्रवार देर रात आगरा (Agra) में आंधी-तूफान ने दस्तक दी। हवा इतनी तेज थी कि ताजमहल के मुख्य मकबरे की संगमरमर की रेलिंग टूट गई और उसकी जालियां भी बाहर आ गईं।
तेज आंधी की वजह से जनपद में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि कई घायल हुए हैं। इसके अलावा, कई स्थानों पर पेड़ों के गिरने की भी खबर है। भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ.बसंत स्वर्णकार ने शनिवार को बताया कि आंधी से ताजमहल में संगमरमर की जालियां और लाल पत्थर की जालियां क्षतिग्रस्त हुई हैं। परिसर में कई पेड़ और एक दरवाजा भी उखड़ गया है। इसके अलावा ताजमहल परिसर में पर्यटकों की सुविधा के लिए बनाई गई शेड की फॉल्स सीलिंग भी उखड़ गई है। ताजमहल के अतिरिक्त महताब बाग की दीवार और मरियम के मकबरे में कई पेड़ गिरे हैं।
मुख्य स्मारक पर यमुना की ओर लगी पाल भी टूट कर प्लेटफॉर्म गिर गई है। गौरतलब है कि लॉकडाउन की वजह से ताजमहल पिछले 68 दिन से बंद है। यह पहला मौका है जब ताजमहल इतने लंबे समय तक बंद रखा गया है। इससे पहले 2018 में 11 अप्रैल और दो मई को आंधी से ताजमहल का शाही दरवाजा, दक्षिणी दरवाजे के उत्तर पश्चिम गुलदस्ता स्तंभ टूटकर गिर गया था। उस वक्त आंधी में सरहिंदी बेगम, फतेहपुरी बेगम के मकबरों के गुलदस्ता स्तंभ को भी नुकसान पहुंचा था।
इस बीच, तूफान की वजह से आगरा शहर और देहात में कई जगह बिजली के खंभे, पेड़ मकानों पर गिरने की भी सूचना आई है। करीब 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आई आंधी में तीन लोगों की मौत की और 25 के आसपास घायल हुए हैं। आंधी में मकान ढहने से गांव नगरा कर्म सिंह में एक बालिका और फतेहाबाद तथा डौकी में दो लोगों की मौत हो गई, हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।