मनीष मर्डर केस: खुद ही अपने जाल में फंस गई गोरखपुर पुलिस, होटल के कमरे में बेड के नीचे छोड़ा सबूत

कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पिटाई बाद होटल के कमरे में फैले खून को तो पुलिस कर्मियों ने खूब सफाई से साफ किया था पर तौलिया ठिकाने लगाना भूल गए। खून से सना तौलिया उन्होंने बेड के नीचे ही फेंक दिया था। पति के शव को लेकर कानपुर लौटते समय होटल पर सामान लेने गई मीनाक्षी ने बेड के नीचे से तौलिया निकाल पर होटल के स्टाफ और अन्य पुलिस कर्मियों को दिखाया और कहा कि अपनी करतूत आप लोग कहां और कैसे छिपाएंगे। मेरे पति का यह खून पुलिस की ज्यादती की गवाही दे रहा है। मीनाक्षी ने तौलिया को लेकर हंगामा शुरू किया और अन्य सामानों की लिस्ट में उसका भी जिक्र कराया। होटल मालिक सुभाष शुक्ला ने बताया कि कमरे की चाबी पुलिस के पास ही थी। स्टाफ ने अंदर कुछ भी नहीं किया है।

कृष्णा पैलेस होटल के मालिक ने बताया कि सोमवार की रात में सात कमरों में गेस्ट थे। आधी रात को करीब 12.04 बजे इंस्पेक्टर जेएन सिंह और उनकी टीम आई। रिसेप्शन पर मौजूद होटल मैनेजर आदर्श पाण्डेय से उन्होंने कहा कि होटलों की चेकिंग का आदेश है। स्टाफ ने बताया कि सात कमरों में गेस्ट हैं। उन्होंने रजिस्ट्रर चेक किया तो पता चला कि कमरा नम्बर 512 में तीन गेस्ट हैं, वे अलग-अलग शहर से आए हैं। पुलिसवालों ने पहले उसी कमरे को चेक करने को कहा और होटल स्टाफ को साथ लेकर कमरे में पहुंचे और दरवाजा खुलवाया। उसके बाद क्या हुआ, यह नहीं पता। कुछ देर बाद मनीष गुप्ता को पुलिसवाले टांग कर ले जा रहे थे। दो पुलिसवालों ने हाथ पकड़ा था वहीं उनके दो स्टाफ को उन्होंने बुलाया था, वह दोनों पैर पकड़े हुए थे। उन्हें बाहर गाड़ी तक ले जाने की सीसी टीवी फुटेज में रिकार्डिंग हैं। अब वह फुटेज भी पुलिसकर्मियों के पास ही है।

होटल मालिक ने बताया कि 15 से 20 मिनट की पूरी घटना है। होटल स्टाफ ने बताया तो वह भी 12.30 बजे तक होटल पर पहुंच गए थे। कमरे की चाबी पुलिसवालों के पास ही थी। हमारे किसी स्टाफ ने कमरा साफ नहीं किया है। मनीष की पत्नी शाम को जब पहली बार आई थी तब भी पुलिसवाले ही चाबी लेकर आए थे और रूम खोल कर दिखाया था। इससे पहले फोरेंसिक टीम भी जांच करने कमरे में आई थी। अब भी उस कमरे की चाबी पुलिस के पास ही है। मंगलवार की रात में करीब दो बजे मनीष का शव लेकर परिवार के लोग कानपुर के लिए जा रहे थे तब उनकी पत्नी व अन्य लोग होटल में सामान लेने आए थे। उस दौरान भी पुलिसवालों ने ही कमरा खोला था और मीनाक्षी गुप्ता को खून से सना तौलिया बेड के नीचे मिला था।

तारामंडल स्थित कृष्णा पैलेस होटल में कुल 16 सीसी टीवी कैमरे लगाए गए हैं। तीन कैमरे उस फ्लोर पर हैं, जहां 512 नम्बर कमरा है। दो कैमरे गैलरी तथा एक लिफ्ट के पास लगा हुआ है। इसके अलावा एक कैमरा रिसेप्शन और सड़क पर भी है। मनीष को टांग कर ले जाते समय कैमरे में तस्वीर कैद है। हालांकि कमरे के अंदर क्या हुआ है, इसकी गवाही पुलिसवाले और चोट के निशान दे सकते हैं। चेहरे और शरीर के घाव से यह साफ है कि चोट गहरी थी।

एसपी नार्थ मनोज अवस्थी इस मामले की विभागीय जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि एफएसएल की मदद से सीन रीक्रिएट कराया जाएगा। बताया कि विवेचना अलग है और विभागीय जांच अलग है। विवेचना क्राइम ब्रांच करेगी एसपी क्राइम की निगरानी में और विभागीय जांच उनके पास है। सीन रीक्एिट की जांच की प्रक्रिया है।

एहतियातन होटल पर दूसरे दिन बुधवार को भी पीएसी की टीम तैनात रही। हालांकि पूरे दिन होटल पर लोगों का आना लगा रहा। लोग यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि आखिर पुलिसवालों ने इतनी ज्यादती कैसे कर दी। होटल मालिक से भी तमाम लोग पूछ कर सच्चाई जानने की कोशिश कर रहे थे इसमें सबसे ज्यादा पुलिस से जुड़े लोग ही थे। पुलिस कप्तान और डीएम ने संयम बरतने का पुलिस कर्मियों को पाठ पढ़ाया, अधिकारियों कर्मचारियों से संयमित व्यवहार का मंत्र दिया। बुधवार को प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में जनता के साथ अच्छा व्यवहार करने को कहा। कहा है कि जनता से बेहतर संबंध जरूरी है।

इस घटना के बाद होटलों में संदिग्धों की चेकिंग को लेकर गाइड लाइन बनाई जा रही है। पुलिस कर्मी होटल के कमरे से घुसकर तभी चेकिंग करेंग जब उनके पास पुख्ता सबूत होगा कि वह जिसकी चेकिंग करने आए हैं वह संदिग्ध है। इससे पहले वह कमरे के बाहर आईडी चेक करेंगे। चेकिंग की भी वीडियो रिकार्डिंग कराई जाएगी। होटल मालिक ने बताया कि मौके पर मौजूद स्टाफ से पुलिसवालों ने बताया कि दिवाली को देखते हुए शहर के सारे होटल को चेक किया जा रहा है। कप्तान साहब का आदेश है। उन्होंने कहा कि पुलिस अक्सर दबाव बनाने के लिए भी चेकिंग करती रहती है। वे लोग होटल के कमरों की डिमांड करते रहते हैं पर होम लोग क्या कर सकते हैं। पुलिस जब आती है तो उन्हें चेक करने दिया जाता है।

मनीष की मौत का मामला सामने आने के बाद पुलिस विभाग के सभी कार्यालयों और थानों पर बुधवार को बस इसी खबर की चर्चा थी। ज्यादातर पुलिस कर्मियों में मनीष की मौत पर उनकी पत्नी और परिवार के प्रति संवदेना दिख रही थी और सबकी ऊंगुली सिर्फ इंस्पेक्टर जेएन सिंह पर उठ रही थी। चर्चा यही थी कि जेएन सिंह जहां हैं वहां सब संभव है। यही नहीं कुछ पुलिस कर्मियों का कहना है कि जहां की थी थानेदारी, अब वहीं से काट रहे फरारी है। पुलिस कर्मियों की पिटाई से मनीष गुप्ता की मौत की घटना के विरोध में बुधवार देर शाम सपाई कैंडिल लेकर सड़क पर उतर गए। नगर निगम गेट पर सपाइयों की पुलिस से झड़प हुई। पुलिस ने सपा के नगर अध्यक्ष समेत दर्जन भर कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। हालांकि कुछ कार्यकर्ताओं ने गांधी प्रतिमा के पास पहुंचकर कैंडिल जलाई और मनीष को श्रद्धांजलि अर्पित की। सपाई निगम परिसर से नारेबाजी करते हुए जैसे ही बढ़े पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया। इस दौरान सपाइयों की पुलिस से धक्का-मुक्की शुरू हो गई। महानगर अध्यक्ष जियाउल इस्लाम, पूर्व जिलाध्यक्ष प्रह्लाद यादव समेत कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।

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