अफगानिस्तान में कुछ दिनों से अमेरिकी सेना और आतंकियों के बीच वार पलटवार का खेल तेज हो गया है। राजधानी Kabul भी इस जंग में झुलती नजर आ रही है। आतंकियों ने सोमवार को सुबह ही Kabul Airport पर एक के बाद एक कई रॉकेट दागे। हालांकि अमेरिका ने पांच राकेट हमलों को विफल कर दिया। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान के मुताबिक एयरपोर्ट की तरफ आते इन राकेट को अमेरिकी डिफेंस मिसाइल सिस्टम ने इंटरसेप्ट कर बीच में ही नष्ट कर दिया। अब इस्लामिक स्टेट ने एकबार फिर इन ताजा हमलों की जिम्मेदारी ली है।
इस्लामिक स्टेट के नशेर न्यूज ने अपने टेलीग्राम चैनल पर इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि यह हमला हमने किया है। अल्लाह की मर्जी से खलीफा के सैनिकों ने Kabul अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट को 6 कत्यूषा राकेटों से निशाना बनाया। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक उनकी सेना ने 5 राकेटों को मिसाइल डिफेंस सिस्टम की मदद से नष्ट कर दिया। हालांकि कुछ राकेट शहर के अन्य स्थानों पर भी गिरे। गौर करने वाली बात है कि हाल के दिनों में ऐसा दूसरी बार हुआ है जब इस्लामिक स्टेट ने काबुल एयरपोर्ट को निशाना बनाने की जिम्मेदारी ली है।
मालूम हो कि बीते गुरुवार को Kabul Airport के बाहर दो आत्मघाती बम धमाके हुए थे जिसमें 13 अमेरिकी सैनिकों समेत कुल 192 लोग मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आइएस-के) ने ली थी। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बदला लेने का संकल्प लिया था। बाइडन ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में काबुल हमले के साजिशकर्ताओं को खोजकर मारने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि इस हमले को अमेरिका भूलेगा नहीं और दोषियों को ढूंढकर मारा जाएगा।
इसके अगले दिन यानी शुक्रवार की रात को ही अमेरिकी सेना ने पाकिस्तान की सीमा से सटे नांगरहार प्रांत में ड्रोन हमले में दो आइएस आतंकियों को मार गिराया था। इस हमले में एक आतंकी घायल भी हुआ था। मारे गए आतंकियों पर Kabul हमले की साजिश रचने का आरोप था। गौर करने वाली बात यह है कि Afghanistan से अमेरिका द्वारा लोगों की निकासी के अंतिम दिन से ठीक पहले राजधानी Kabul के एयरपोर्ट पर फिर हमला किया गया है। कहा जा रहा है कि एयरपोर्ट पर तैनात अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाकर यह हमला किया गया।
इस बीच व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि अमेरिका ने Afghanistan से अब तक एक लाख 14 हजार 400 लोगों को निकाला है। जिन लोगों को निकाला गया है, उनमें अमेरिकी समेत विदेशी और अफगान नागरिक शामिल हैं। गत 15 अगस्त को तालिबान का Afghanistan पर कब्जे के बाद Kabul Airport से बड़े पैमाने पर निकासी अभियान चलाया जा रहा है। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से कहा गया है कि अमेरिका अपने सबसे लंबे युद्ध को खत्म कर 31 अगस्त तक Afghanistan को छोड़ देगा।