हाईप्रोफाइल केस की सुनवाई कर रहे जज की सड़क हादसे में मौत, CCTV से बढ़ी हत्या का आशंका

मॉर्निंग वॉक पर निकले जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की दुर्घटना​ में मौत का जो सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, उससे काफी हद तक यह स्पष्ट हुआ है कि ऑटो ने टक्कर जानबूझकर मारी. पूर्व विधायक के करीबी रंजय हत्याकांड जैसे कई महत्वपूर्ण मामलों में सुनवाई करने वाले जज की मौत को हत्या का मामला मानकर पुलिस हर पहलू की जांच में जुटी है. पुलिस के आला अफसरों का कहना है कि जल्द ही इस कांड का खुलासा कर दोषियों को सज़ा दिलवाई जाएगी. वहीं, विधायक ने इस केस में CBI जांच की मांग कर दी है.

धनबाद के जिला एवं सत्र न्‍यायाधीश उत्तम आनंद बुधवार सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे, तभी रणधीर वर्मा चौक के नज़दीक एक ऑटो ने उन्‍हें टक्कर मार दी थी. टक्कर से मारे गए जज की मौत की घटना सीसीटीवी में कैद हो गई, जिसमें दिखाई दिया कि टेम्पोनुमा ऑटो पहले सीधे सड़क पर जा रही था और जज सड़क किनारे वॉक कर रहे थे. लेकिन आचनक सड़क किनारे आकर ऑटो जज को टक्कर मारकर फरार हो गया. अब पुलिस इस मामले में हत्या के एंगल से भी जांच कर रही है लेकिन मीडिया से दूरी बना रखी है.

ताज़ा खबरों की मानें तो पुलिस जांच में यह पता चला है कि जज की संदिग्ध हत्या में इस्तेमाल किया गया ऑटो चोरी का था. इस मामले में एक खबर में कहा गया है कि यह ऑटो पाथरडीह निवासी सुगनी देवी के नाम पर दर्ज है, जबकि सुगनी का कहना है कि रात में उसका ऑटो चोरी हो गया था और वारदात को अलसुबह अंजाम दिया गया. इस खुलासे के बाद पुलिस कड़ियां जोड़ने और कथित तौर पर धनबाद के दबंगों से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है.

मृतक जज पूर्व विधायक संजीव स‍िंंह के करीबी रंजय हत्याकांड के मामले में सुनवाई कर रहे थे. यह एक महत्वपूर्ण बात है इसलिए पुलिस इस घटना की गंभीरता से जांच कर रही है. इस मामले में तीन दिन पहले ही जज आनंद ने उत्तर प्रदेश के इनामी शूटर अभिनव सिंह और होटवार जेल में बंद अमन सिंह से ताल्लुक रखने वाले शूटर रवि ठाकुर व आनंद वर्मा की जमानत का आवेदन खारिज किया था. इसके साथ ही, आनंद कतरास में राजेश गुप्ता के घर पर बमबाज़ी के मामले जैसे कुछ और संवेदनशील केसों की सुनवाई कर रहे थे.

जज आनंद की संदिग्ध मौत के बाद परिजनों व श्रद्धांजलि देने पहुंचे अन्य न्यायधीशों ने डीआईजी से कहा कि यह कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि यह हत्या है. टक्कर मारने वाले ऑटो के बारे में भी परिजनों व न्यायाधीशों ने DIG से जानकारी ली. बोकारो क्षेत्र के डीआईजी मयूर पटेल ने समझाने की कोशिश की और बताया कि पुलिस की सात टीमें इस मामले की जांच में लगाई गई हैं.

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