Rafale Fighter DEAL

चीन के साथ पूर्वी मोर्चे पर भारत का बड़ा कदम, तैनात किए राफेल लड़ाकू विमान

चीन के साथ सीमा व‍िवाद के बीच भारत ने बड़ा कदम उठाया है। भारतीय वायुसेना (IFA) ने बुधवार को पूर्वी वायु कमान (ईएसी) के तहत हासीमारा के वायुसेना स्टेशन में राफेल विमान को अपने 101 स्क्वाड्रन में शामिल कर लिया। पश्चिम बंगाल में हासीमारा के पास पहले मिग 27 स्क्वाड्रन था, जिसे अब सेवामुक्त कर दिया गया है। यह भूटान से निकटता के कारण भारतीय वायु सेना के संचालन के लिए एक रणनीतिक आधार है। चुंबी घाटी, जहां भारत, भूटान और चीन के बीच एक त्रिकोणीय जंक्शन है डोकलाम के करीब है, जहां 2017 में गतिरोध हुआ था। तीनों देशों के लिए त्रिकोणीय जंक्शन चिंता का विषय रहा है।

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में भारतीय वायुसेना की क्षमता को मजबूत करने के महत्व को ध्यान में रखते हुए, हासीमारा में राफेल को शामिल करने की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई है। वह क्षेत्र में चीन से खतरे की बात कर रहे थे। भारत और चीन पिछले डेढ़ साल से सीमा विवाद में उलझे हुए हैं और तनाव कम करने और मुद्दे को सुलझाने के लिए राजनयिक और सैन्य स्तर पर बातचीत जारी है।

101 स्क्वाड्रन के गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए, जिसे फाल्कन्स ऑफ चंब एंड अखनूर की उपाधि दी गई है। भदौरिया ने वायु योद्धाओं से अपने उत्साह और प्रतिबद्धता को नए शामिल किए गए प्लेटफॉर्म की बेजोड़ क्षमता के साथ जोड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उन्हें इसमें कोई संदेह नहीं है कि स्क्वाड्रन जब भी और जहां भी आवश्यक होगा, हावी रहेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि विरोधी हमेशा उनकी उपस्थिति से भयभीत रहेंगे।

101 स्क्वाड्रन राफेल विमान से लैस होने वाली दूसरी आईएएफ स्क्वाड्रन है। स्क्वाड्रन का गठन 1 मई 1949 को पालम में किया गया था और अतीत में हार्वर्ड, स्पिटफायर, वैम्पायर, सुखोई-7 और मिग-21एम विमानों का संचालन कर चुका है। इस स्क्वाड्रन के गौरवशाली इतिहास में 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों में सक्रिय भागीदारी शामिल है। 29 जुलाई, 2020 को पांच राफेल विमानों के पहले बैच के उतरने के बाद पहला स्क्वाड्रन अंबाला में बनाया गया था। इन विमानों को 10 सितंबर को अंबाला एयर बेस पर 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन में शामिल किया गया था।

भारत ने लगभग 58,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौता किया था। राफेल 4.5 पीढ़ी का विमान है और इसमें नवीनतम हथियार, बेहतर सेंसर और पूरी तरह से एकीकृत आर्किटेक्टर है। यह एक सर्व-भूमिका वाला विमान है, जिसका अर्थ है कि यह एक बार में कम से कम चार मिशनों को अंजाम दे सकता है। लड़ाकू विमान हैमर मिसाइलों से लैस हैं और यह दूर से आने वाले लक्ष्यों को साधमें में भी सक्षम है।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1