भारतीय वैज्ञानिकों ने ‘ध्रुवस्त्र’ मिसाइल का ओडिशा में डायरेक्ट और टॉप अटैक मोड में सफल टेस्ट किया है। ध्रुवास्त्र ऐंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (Dhruvastra anti-tank guided missile) दरअसल Helicopter-launched Nag Missile (HELINA) वेपन सिस्टम का हिस्सा है। यह मिसाइल सिस्टम DRDO ने डेवलप किया है। इस मिसाइल की रेंज चार किलोमीटर से लेकर सात किलोमीटर तक हो सकती है। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन की बनाई इस ‘नाग’ मिसाइल दुर्गम जगहों पर दुश्मनों के टैंक को आसानी से उड़ा सकती है। इस मिसाइल सिस्टम में एक से बढ़कर आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है।
मेक इन इंडिया मुहिम के तहत देश की सेना को लगातार मजबूत किया जा रहा है। सेना की ताकत में एक और नाम जुड़ गया। एंटी टैंक ‘ध्रुवास्त्र’ मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया है, ये मिसाइल मेड इन इंडिया है। और दुश्मन को पूरी तरह से ध्वस्त करने का माद्दा रखती है।
ओडिशा के बालासोर में 15-16 जुलाई को इसका टेस्ट हुआ, जिसके बाद अब इसे सेना को सौंप दिया जाएगा। इसका इस्तेमाल भारतीय सेना के ध्रुव हेलिकॉप्टर के साथ किया जाएगा। यानी अटैक हेलिकॉप्टर ध्रुव पर इसे तैनात किया जाएगा, ताकि वक्त आने पर दुश्मन को सबक सिखाया जा सके।
हालांकि, अभी जो टेस्ट किया गया है वो बिना हेलिकॉप्टर के किया गया है। पहले इस मिसाइल का नाम नाग था, जिसे अब बदलकर ध्रुवास्त्र किया गया है।