बॉर्डर पर फाइटर प्लेन भेजे गए, चीन लगातार चौथे दिन बोला- जो हुआ, वह भारत की जिम्मेदारी

चीन के सैनिकों से हिंसक झड़प में 20 जवानों की शहादत के बाद भारत ने किसी भी हालात से निपटने की अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया बीते बुधवार को लेह पहुंचे थे। उनका यह दौरा अचानक तय हुआ था। इसके बाद वे श्रीनगर एयरबेस भी गए थे। शुक्रवार को यह जानकारी सामने आई। इस बीच, एयरफोर्स ने अपने फाइटर प्लेन फाॅरवर्ड बेस और एयरफील्ड की तरफ भेज दिए हैं।

सरकार के एक सूत्र के हवाले से बताया कि एयरफोर्स चीफ दो दिन के दौरे पर आए थे। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास चीन ने 10 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात किए हैं। ऐसे में एयरफोर्स चीफ ने किसी भी हालात से निपटने की ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया।

एयरफोर्स चीफ 17 जून को लेह और 18 जून को श्रीनगर एयरबेस गए थे। ये दोनों ही एयरबेस पूर्वी लद्दाख इलाके के पास हैं। अगर ऊंचे इलाकों में किसी भी तरह के फाइटर एयरक्राफ्ट ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है तो लेह और श्रीनगर एयरबेस का इस्तेमाल किया जाएगा।
इन एयरबेस के जरिए चीन की हकरतों पर भारत साफ नजर रख पाएगा। जब एयरफोर्स के प्रवक्ता विंग कमांडर इंद्रनील नंदी से एयरफोर्स चीफ के दौरे के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा- नो कमेंट्स।

एयरफोर्स ने सुखोई-30 एमकेआई, मिराज 2000 और जगुआर फाइटर एयरक्राफ्ट को फाॅरवर्ड बेस पर भेजा है ताकि वे शॉर्ट नोटिस पर भी उड़ान भर सकें। आर्मी की मदद के लिए अमेरिकन अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर भी उन इलाकों में तैनात किए गए हैं, जहां अभी भारतीय सेना के जवान मौजूद हैं। चिनूक हेलिकॉप्टरों की तैनाती लेह एयरबेस के आसपास की गई है ताकि जरूरत पड़ने पर सैनिकों की तुरंत आवाजाही हो सके।

उल्लेखनीय है कि लद्दाख और तिब्बत रीजन में अगर एयरफोर्स को किसी ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है तो वह लेह, श्रीनगर, अवंतीपुर, बरेली, आदमपुर, लुधियाना के हलवाड़ा, अंबाला और सिरसा के एयरबेस का इस्तेमाल कर सकेगा। इन एयरबेस के जरिए भारत के फाइटर प्लेन बेहद कम वक्त में लद्दाख बॉर्डर तक पहुंच सकते हैं। चीन की बात करें तो भारत पर हमले की स्थिति में उसके प्लेन को होटान और गार गुंसा से उड़ान भरनी होगी। इससे उन्हें 14 हजार फीट ऊंची बॉर्डर तक आने में भारत के मुकाबले ज्यादा वक्त लगेगा।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाऊ लिजियन ने शुक्रवार को लगातार चौथे दिन एक जैसा बयान दिया। उन्होंने कहा- सही क्या है और गलत क्या है, यह एकदम साफ है। जो कुछ हुआ, उसकी पूरी जिम्मेदारी भारत की है। भारत-चीन बातचीत कर रहे हैं।

दरअसल, राहुल रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक के एक बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। नाइक ने कहा था कि चीन ने सोची-समझी साजिश के तहत भारत पर हमला किया था। भारत की सेनाएं इसका करारा जवाब देंगी।

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