India Meteorological Department

IMD Alert : बदला मौसम, राजधानी दिल्ली सहित 15 राज्यों में 25 अप्रैल तक भारी बारिश का अलर्ट

देशभर में पश्चिमी विक्षोभ (western disturbance) का असर देखने को मिल रहा है। उत्तर भारत में जारी गर्मी (heatwave) से अब लोगों को राहत मिलेगी। 20 अप्रैल से 22 अप्रैल तक उत्तर भारत के कई राज्यों में मामूली राहत देखने को मिल सकती है। हालांकि IMD Alert के मुताबिक राजधानी दिल्ली में आज मौसम बदलेगा। राजधानी दिल्ली सहित असम, मेघालय आसपास के राज्य में बारिश की संभावना (rain alert) जताई गई है। इसके साथ ही दक्षिण भारत और पश्चिम भारत में बारिश की संभावना जाहिर की गई है।

IMD Alert के मुताबिक राजधानी दिल्ली में आज न्यूनतम तापमान 24 डिग्री जबकि अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक रहने की संभावना जताई गई है। हालांकि आसमान में बादल घिरे रहेंगे। हल्की बारिश होने की संभावना है। वही देश भर के 19 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं छह राज्यों में ही Heatwave की आशंका जताई गई है। झारखंड सहित बिहार के कई क्षेत्रों में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। झारखंड में न्यूनतम तापमान में 3 डिग्री की कमी देखी गई है। दरअसल न्यूनतम तापमान जहां 24 डिग्री व अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। राजधानी पटना में मौसम साफ रहेगा। आसमान में हल्के बादल छाएंगे। ठंडी हवा चलने से जनजीवन सामान्य रहेगा।

हालांकि बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में लू का भी अलर्ट जारी किया गया है। वहीं मध्य प्रदेश राजस्थान अहमदाबाद में न्यूनतम तापमान में दो से तीन फीसद की बढ़ोतरी देखी जा सकती है। मध्यप्रदेश में न्यूनतम तापमान 23 डिग्री जबकि अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना जताई गई। देहरादून में न्यूनतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना जताई है।

राजस्थान के जयपुर में कल बारिश की संभावना जताई गई है। दरअसल जयपुर में न्यूनतम तापमान 30 डिग्री जबकि अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक राजस्थान के कई क्षेत्रों में बूंदाबांदी के आसार नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही साथ मुंबई में न्यूनतम तापमान 27 डिग्री जबकि अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस तक रहने की संभावना है।

उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, पूर्वी मध्य प्रदेश, ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर बिजली / तेज हवाओं (40-50 किमी प्रति घंटे की गति) के साथ बिजली गिरने की सम्भावना है। पश्चिम मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर बिजली / तेज़ हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे की गति) के साथ विदर्भ, छत्तीसगढ़, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, गुजरात राज्य, तेलंगाना, असम-मेघालय और अलग-अलग स्थानों पर बिजली गिरने के आसार हैं।

जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मराठावाड़ा, बिहार और केरल-माहे में बूंदाबादी देखी जा सकती है और पश्चिमी राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बिजली / धूल भरी आंधी चलने की संभावना है।

वही आने वाले दिनों में 25 अप्रैल तक देश के अलग-अलग राज्यों में भारी वर्षा की संभावना है। राजधानी दिल्ली, haryana, punjab में बारिश से मौसम सुहावना बना रहेगा। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर धूल भरी आंधी चलने की भी संभावना जताई गई है। जबकि पर्वती राज्यों की बात करें तो हिमाचल, प्रदेश उत्तराखंड में मौसम खुशनुमा बना रहेगा हल्की बूंदाबांदी के साथ आसमान में बादल छाए रहेंगे।

केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु दक्षिणी राज्य में बारिश का दौर जारी रहेगा। 27 अप्रैल तक इन राज्यो में बारिश की संभावना जताई गई है। पूर्वोत्तर राज्यों की बात करें तो असम, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड सहित अन्य राज्यों में भी 25 अप्रैल तक बूंदाबांदी जारी रहेगी। कई इलाकों में भारी बारिश के साथ तेज हवाएं और गरज चमक के साथ ओलावृष्टि की भी संभावना जाहिर की गई है।

23 से 25 अप्रैल 2022 को असम मेघालय में अलग-अलग स्थानों पर बिजली / तेज हवाओं (40-50 किमी प्रति घंटे की गति) के साथ गरज के साथ बौछारें; विदर्भ, तेलंगाना में अलग-अलग स्थानों पर बिजली / तेज हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे की गति) के साथ और अलग-अलग स्थानों पर बिजली गिरने के साथ उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और केरल-माहे में स्थान पर बूंदबांदी और असम-मेघालय में छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है।

मानसून की भविष्यवाणी

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने इस साल सामान्य मानसून की भविष्यवाणी की है, जिसमें लंबी अवधि के औसत (LPA) का 99% बारिश आंकी गई है। पिछले आंकड़ों से पता चलता है कि IMD की मानसून की भविष्यवाणियां अक्सर निशान से अधिक नहीं होती हैं। हालांकि साथ ही इसके लंबी दूरी के पूर्वानुमान कौशल में सुधार हो रहा है।

2011-2020 के दौरान वास्तविक वर्षा से पूर्वानुमानों का औसत डेविएशन 7.1 प्रतिशत अंक था। जो पूर्वानुमानों के त्रुटि मार्जिन से अधिक था। यह पिछले दशक (2001-2010) की तुलना में एक सुधार था, जब पूर्वानुमान वास्तविक से औसतन 8.6 प्रतिशत अंक डेविएशन हो गए थे। उस दशक के दौरान, मानसून की वर्षा तीन वर्षों में पूर्वानुमान के 5 प्रतिशत-बिंदु त्रुटि मार्जिन के भीतर थी।

हालांकि, 2001-2010 के दशक में तीन-चार सटीक पूर्वानुमान कुछ शानदार विफलताओं से ऑफसेट थे। आईएमडी के पूर्वानुमान चार वर्षों में 10 प्रतिशत अंक या उससे अधिक के निशान से दूर थे। इनमें वर्ष 2002 और 2009 शामिल थे, जब पूर्वानुमान क्रमशः 20 और 19 प्रतिशत अंक कम थे, और 2004 जब पूर्वानुमान 13 प्रतिशत अंक से कम था। इसने 2007 में पूर्वानुमान पद्धति का एक बड़ा बदलाव किया।

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