Symptoms of Omicron virus

आखिर बच्‍चों के लिए कितना खतरनाक है ओमिक्रोन वैरिएंट?

कोरोना (Corona) की तीसरी लहर बच्‍चों के लिए भी घातक है। चिकित्‍सकों ने बच्‍चों के लिए सावधानी बरतने की हिदायत दी है। बच्‍चों में किसी भी लक्ष्‍ण को नजर अंदाज करना आप पर भारी पड़ सकता है। यदि बच्‍चे में तेज बुखार और कंपकपी जैसे लक्ष्‍ण दिख रहे हैं तो सावधान हो जाइए। आइए जानते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर के दौरान आप अपने दिल के टुकड़े को कैसे संक्रमण से दूर और सुरक्षित रख सकते है। आइए जानते हैं आपके नौनिहाल को इस कोरोना (Corona) महामारी से बचाने के लिए विशेषज्ञों के खास टिप्‍स।
गाजियाबाद स्थित यशोदा अस्‍पताल के एमडी डा. पीएन अरोड़ा का कहना है कि कोरोना (Corona) की तीसरी लहर अन्‍य 2 लहरों की अपेक्षा ज्‍यादा संक्रामक है। यह बच्‍चों के लिए भी घातक है। उन्‍होंने कहा कि पहली और दूसरी लहर में कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रभाव बच्‍चों पर नहीं था, लेकिन तीसरी लहर बच्‍चों को भी अपनी चपेट में ले सकती है। इस लिए अधिक सावधान और सचेत रहने की जरूरत है।

2- उन्‍होंने कहा कि कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित बच्‍चों में तेज बुखार और कंपकपी के लक्ष्‍ण दिख रहे हैं। इसलिए इन लक्ष्‍ण को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कोरोना (Corona) संक्रमित बच्‍चों की उम्र 11 से 17 वर्ष के बीच की है।। उन्‍होंने कहा कि 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में भी यह लक्षण दिख रहे हैं। डा. अरोड़ा ने कहा कि इसके लक्ष्‍ण डेल्‍टा वैरिएंट (Delta Variant) से थोड़े अलग है। इसलिए अधिक सचेत रहने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि डेल्‍टा की तरह ओम‍िक्रोन के मरीजों में स्‍वाद और गंध का जाना आम नहीं है। डा. अरोड़ा ने कहा कि हालांकि, अधिकतर बच्‍चों को वेंट‍िलेशन की जरूरत नहीं पड़ रही है।
3- उन्‍होंने कहा कि बच्‍चों में बीमारी के सामान्‍य लक्ष्‍णों को नजरअंदाज कतई नहीं करें। डा. अरोड़ा का कहना है कि सामान्‍य लक्ष्‍ण दिखने पर तत्‍काल चिकित्‍सक से संपर्क करें और उसके परामर्श से ही उपचार कराएं। अन्‍य मरीजों की तरह तेज बुखार की स्थिति में शिशुओं को भी हास्पिटल में भर्ती करने की आवश्‍यकता नहीं है। डाक्‍टर के परामर्श पर ही बच्‍चों को अस्‍पताल में भर्ती करें। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि कोरोना को लेकर अधिक पैनिक होने के बजाए सतर्कता बरतने की जरूरत है। गाइड लाइन्‍स को पूरी तरह से पालने करने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि दो वर्ष के बच्‍चे हाई रिस्‍क जोन में है। उनमें संक्रमण की गंभीरता डेल्‍टा वैरिएंट के समान है।
4- डा. अरोड़ा का कहना है कि वयस्‍कों में संक्रमण की गंभीरता डेल्‍टा वैर‍िएंट (Delta Variant) की तुलना में कम है। उन्‍होंने कहा कि ओमिक्रोन वायरस मुख्य रूप से रोगी के अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है। इसलिए इसमें सर्दी, सिरदर्द, नाक बहने जैसे लक्षण दिखते हैं। इसके अलावा कंपकंपी के साथ बुखार भी आता है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर के विपरीत ओमिक्रोन के मरीजों में स्वाद और गंध का जाना बहुत आम नहीं है। उन्‍होंने कहा कि दसे में से केवल दो या तीन मरीज गंध और स्वाद जाने की शिकायत कर रहे हैं।
क्‍या है वैरिएंट्स आफ कन्‍सर्न

ओमिक्रोन वायरस लगातार म्यूटेंट करते हैं। कोरोना वायरस (Coronavirus) लगातार रूप बदलते रहते हैं, यानी उनका नया वर्जन आता रहता है। इसी को वेरिएंट कहते हैं। इनमें कुछ वैरिएंट ज्‍यादा खतरनाक हो सकते हैं, या ऐसे हो सकते हैं जो बहुत तेजी से फैलते हैं। वैज्ञानिकों की शब्दावली में इन्हें वैरिएंट्स आफ कन्सर्न माना जाता है। कोरोना वायरस (Coronavirus) में ऐसे बदलाव हुए हैं जो जिन्हें पहले कभी नहीं देखा गया। इनमें से ज्‍यादातर बदलाव वायरस के उन हिस्सों में हुए हैं जहां मौजूदा वैक्सीन हमला करते हैं। वायरस के इस हिस्से को स्पाइक प्रोटीन कहा जाता है। ओमिक्रोन वैर‍िएंट (Omicron Variant) के स्पाइक प्रोटीन वाले हिस्से में हुए बदलाव की वजह से शुरू में ऐसी चिंता हुई कि शायद अभी जो वैक्सीन हैं वो ओमिक्रोन पर बेअसर हो जाएंगे।

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