दिल्ली की गलियों तक कैसे पहुंचता है ई-सिगरेट का माल

ई-सिगरेट पर भारत सरकार की तरफ से पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा हुई है, मगर इस बीच बड़ा सवाल ये है कि आखिर ये नशा राजधानी दिल्ली तक पहुंचता कैसे है, और सिर्फ दिल्ली की मुख्य जगहों या पॉश होटल ही नहीं बल्की नुक्कड़ और गलियों तक में इस जहर ने अपने पैर पसार रखें हैं।

ई-सिगरेट यानी इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट को ड्रग्स मानते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे देशभर में बैन कर दिया। अब भारत के किसी भी हिस्से में ई-सिगरेट को बनाना, बेचना, इस्तेमाल करना, स्टोर करना और इनका विज्ञापन करना अपराध की श्रेणी में आएगा। पहली बार पकड़े जाने पर 1 साल तक की सजा या 1 लाख रुपये जुर्माना या दोनों हो सकते हैं और दोबारा पकड़े गए तो 3 साल की सजा औऱ 5 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।

बता दें कि स्कूल और कॉलेज जाने वाले बच्चों से लेकर किशोरों और युवाओं तक, नशे का ये उत्पाद कुछ ही साल में कैसे फैल गया इस बात का खुलासा हुआ है, दरसल ये सारा माल चीन से आता है,  ई-सिगरेट और उससे जुड़े उत्पादों का एक बड़ा रैकेट हमारे पूरे देश में फैला हुआ है। कस्टम विभान ने जब शिकायत मिलने पर सख्ती बरती तो चोरी-छिपे मुंबई के रास्ते गुजरात होकर सड़क मार्ग से ये ई-सिगरेट का माल दिल्ली पहुंचने लगा।

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