Gang-rape Victim Died Safdarjung Hospital

15 दिनों के बाद जिंदगी से जंग हार गई हाथरस की बेटी

निर्भया गैंगरेप के बाद भी देश में बेटियों से दरिंदगी रुकने का नाम नहीं ले रही है। जगह और नाम भले बदल जाएं लेकिन बेटियों की हालत आज भी पहले जैसी ही है। 2012 में निर्भया के साथ गैंगरेप करने वाले दोषियों को तो फांसी की सजा मिल गई लेकिन आज भी ऐसे लोग समाज में हर तरफ घूम रहे हैं जो कभी निर्भया तो कभी Hathras की बेटी को अपनी हवस का शिकार बना रहे हैं। ऐसे लोगों का चेहरा जरूर बदला है लेकिन महिलाओं को लेकर इनका चरित्र आज भी पहले जैसा ही है। शायद इसलिए इन्हें कानून का भी कोई खौफ नहीं है।


यही वजह है कि उत्तर प्रदेश के Hathras में इन दरिंदों की शिकार हुई बेटी ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। दरिंदों ने ना सिर्फ उस दलित युवती का बलात्कार किया बल्कि उसकी जीभ भी काट दी ताकि वो किसी को अपने दर्द की कहानी तक ना बता सके। इतने से भी जब आरोपियों का मन नहीं भरा तो युवती के गर्दन की हड्डी भी तोड़ दी।


ये घटना 14 सितंबर की है। Hathras के एक गांव में आम दिनों की तरह उस दिन भी युवती जानवरों के लिए चारा लेने अपनी मां के साथ खेत गई थी। उस अंदाजा भी नहीं था कि वो दिन उसके जिंदगी का सबसे खौफनाक और जानलेवा दिन होने वाला है।

खेत में गांव के ही कुछ दबंग युवक आ धमके और उसके साथ जबरदस्ती करने लगे। लड़की ने खुद को उन दरिंदों से बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन आरोपी उसे अपनी हवस का शिकार बनाते रहे। 4 युवकों ने बारी-बारी से उससे गैंगरेप किया। बेटी के चीखने की आवाज सुनकर युवती की मां उसे ढूंढते हुए वहां आ पहुंची तो आरोपी खेत से फरार हो गए।

गैंगरेप के बाद खेत से फरार होने से पहले आरोपियों ने क्रूरता की सभी हदें पार करते हुए युवती की जीभ काट दी और इससे भी जब उनका मन नहीं भरा तो युवती के गले की हड्डी भी तोड़ दी।
बेटी की गंभीर हालत देखकर मां ने आसपास के लोगों से मदद मांगी और उसे पास के ही एक अस्पताल में भर्ती कराया जहां लड़की की हालत गंभीर हो गई। युवती ने इशारों-इशारों में अपने बयान में बताया कि उसके साथ गांव के ही कुछ लोगों ने गैंगरेप किया और उसकी हत्या का प्रयास कर रहे थे। कार्यवाहक सीओ सादाबाद महिला अधिकारियों के साथ पहुंच कर युवती की स्थिति देखी जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ धाराएं बढ़ाई गईं।

युवती का शुरुआती इलाज करने वाले स्थानीय अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया था कि लड़की की गर्दन को बहुत ही कूरता और बेदर्दी से मरोड़ा गया था जिस वजह से उसे सर्वाइकल स्पाइन इंजरी हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि इससे युवती के शरीर का निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया और उसे सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी।


डॉक्टरों ने ये भी बताया कि युवती को जब अस्पताल लाया गया तो उसकी जीभ भी कटी हुई थी। युवती को जेएन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया लेकिन उसकी स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही थी।

वहीं दूसरी तरफ युवती के परिवारवालों पुलिस की कार्रवाई से नाखुश थे और उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने तत्काल कोई एक्शन नहीं लिया। युवती की गंभीर होती स्थिति को देखते हुए जेएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने 20 सितंबर को युवती को दिल्ली रेफर कर दिया।

उस दलित युवती को करीब हफ्ते पहले दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां आखिरकार हाथरस की बेटी जिंदगी की जंग हार गई। इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई। मामला बढ़ता देख पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि पुलिस पर शुरुआत में मामले को लेकर लापरवाही बरतने के आरोप अब भी लग रहे हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1