गोवा में इस बार कोई चूक नहीं चाहते राहुल गांधी ? जानें क्‍यों है कांग्रेस इतना एक्‍टिव

कांग्रेस इस बार गोवा में कोई चूक नहीं करना चाहती है. यही वजह है कि कांग्रेस की गोवा इकाई के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने शनिवार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की. इन नेताओं ने गोवा के राजनीतिक हालात और आगे की रणनीति पर चर्चा की. आपको बता दें कि गोवा की सभी 40 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 14 फरवरी को संपन्न हो चुका है जबकि 10 मार्च को मतगणना होगी.

किसने की राहुल गांधी से मुलाकात
कांग्रेस के गोवा प्रभारी दिनेश गुंडू राव, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गिरीश चोडानकर और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष दिगंबर कामत ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की. इस बैठक में गोवा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक पी चिदंबरम भी नजर आये. बैठक के बाद गुंडूराव ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि राहुल गांधी जी ने हम लोगों के साथ गोवा के चुनाव बाद की परिस्थिति के संदर्भ में रणनीति की समीक्षा की.

क्‍या हुई बातचीत
सूत्रों की मानें तो चुनाव के बाद किसी भी तरह की राजनीतिक परिस्थिति से निपटने को लेकर विस्तार से चर्चा की गई. गोवा में कांग्रेस और गोवा फारवर्ड पार्टी ने इस बार मिलकर चुनाव लड़ा है.

वर्ष 2017 में कांग्रेस ने खाई थी मात
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो इसमें भारतीय जनता पार्टी, जो तब गोवा की सत्ता में थी, को 40 में से सिर्फ 13 सीटों पर जीत मिली थी. कांग्रेस 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को एक और अन्य दलों को 9 सीट पर जीत मिली थी. सबसे बड़ी पार्टी सरकार बनाने की जुगत में लगी रही, और दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी ने सरकार का गठन कर लिया.

दिग्विजय सिंह के पास थी जिम्मेदारी
गोवा में वर्ष 2017 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी कम सीटें जीतकर भी सत्ता पर काबिज हुई थी. सीनियर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह उर्फ दिग्गी राजा के पास सरकार बनाने को लेकर जिम्मेदारी थी लेकिन वे यह तय करते रहे कि किसको मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया जाये और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गोवा में अपनी सरकार बना ली.

गोवा में सत्ता की राह आसान नहीं
इस बार गोवा में सत्ता की राह आसान नहीं है. तब कांग्रेस और बीजेपी के साथ-साथ कुछ क्षेत्रीय दलों के बीच टक्कर थी. लेकिन, इस बार पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के अलावा दिल्ली में सत्तारूढ़ दल आम आदमी पार्टी (आप) भी ताल ठोंकने के लिए गोवा पहुंची है.

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