प्रत्येक वर्ष 15 अक्टूबर के मौके पर वैश्विक स्तर पर हाथों की सफाई को लेकर Global Handwashing Day मनाया जाता है। इसके पीछे की मान्यता है कि हाथों की गंदगी से होने वाली बीमारी जैसे डायरिया, आंख और त्वचा संबंधी बीमारियों से बचाव करना। अब तो Corona संक्रमण काल ने हाथ धोते रहने की प्रवृत्ति को और भी आगे बढ़ाने का काम किया है। डॉक्टरों की मानें तो हमारे हाथों में न जाने कितनी अनदेखी गंदगी छिपी होती है, जो किसी भी वस्तु को छूने, उसका इस्तेमाल करने और कई तरह के रोजमर्रा के कामों के कारण होती है। यह गंदगी बगैर हाथ धोए कुछ भी खाने-पीने से शरीर में पहुंच जाती है और कई तरह की बीमारियों को जन्म देती है. हाथ धोने के प्रति लोगोंमें जागरूकता बढ़ाने के लिए वैश्विक स्तर पर हर साल 15 अक्टूबर को हैंड वॉशिंग डे मनाया जाता है। इस दिन की स्थापना वर्ष 2008 में Global Handwashing पार्टनरशिप द्वारा की गई जिसका प्रयास साबुन से हाथ धोने के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना है.
इस साल के Global Handwashing Day की थीम ‘सभी के लिए स्वच्छ हाथ’ निर्धारित किया गया है। इस साल सभी लोगों ने हाथों की स्वच्छता के महत्व को बखूबी समझा है। Corona संक्रमण से बचाव के लिए सबसे प्रभावी तरीका ठीक तरह से हाथों को धोना है जिससे संक्रमण का खतरा काफी हद तक काम हो जाता है। WHO के वैश्विक सुझावों में Covid-19 महामारी को रोकने और नियंत्रित करने और इसे व्यवहार में लाने के लिए हाथों की स्वच्छता का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए हाल ही में WHO और यूनिसेफ की अगुवाई में हैंड हाइजीन फॉर ऑल ग्लोबल इनिशिएटिव लॉन्च किया गया है।
Global Handwashing Day की स्थापना 2008 में स्वीडन में की गई थी। ग्लोबल हैंडवॉशिंग पार्टनरशिप ने स्वीडन में आयोजित वर्ल्ड वॉटर वीक में इस दिन की शुरुआत की थी, जिसका मकसद साबुन से हाथ धोने के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना था। पार्टनरशिप समिति के सदस्यों में कोलगेट, पामोलिव, FHI 360, प्रॉक्टर एंड गैंबल, यूनिसेफ, यूनिलिवर और वर्ल्ड बैंक शामिल थे। इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए हर साल कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसका खास मकसद लोगों को हाथ धोने की अहमियत बताना है।