Ganga Dussehra 2021
Ganga Dussehra 2021: गंगा दशहरा हिन्दू शास्त्रों में बेहद महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष के ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को Ganga Dussehra मनाया जाता है। वर्ष 2021 में ये पवित्र तिथि 19 जून शनिवार, शाम 06 बजकर 47 मिनट पर प्रारंभ होगी और अगले दिन यानी 20 जून रविवार को, शाम 04 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में मुख्य रूप से ये पर्व 20 जून को ही, देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। हिन्दू धर्म की मान्यता अनुसार, इस पवित्र दिन जो भी व्यक्ति विधि-विधान अनुसार किसी भी पवित्र नदी या कुंड में स्नान कर अपनी श्रद्धा अनुसार दान करता है, उसे न केवल अपने सभी पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि उसे कई महायज्ञों के समान पुण्य भी प्राप्त होता है। हालांकि इस वर्ष कोरोना महामारी को देखते हुए ये पर्व छोटे रूप से मनाया जाएगा।
गंगा दशहरा का धार्मिक महत्व:Ganga Dussehra 2021
हिंदू धर्म में Ganga Dussehra का बहुत महत्व है। ये दिन मां गंगा की जयंती का दिन माना गया है अर्थात यही वो पावन तिथि थी जब मां गंगा स्वर्ग से उतरकर पृथ्वी पर आई थी और उसी दिन इस तिथि पर मां गंगा का पूजन करने की परंपरा की शुरुआत हुई। इस दिन को लेकर ये माना गया है कि जो भी व्यक्ति इस खास दिन गंगा में स्नान करने के पश्चात दान करता है तो, उसके सभी तरह के पाप धूल जाते हैं व व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है। यही मुख्य कारण है कि इस दिन दान-पुण्य करना शुभ माना गया है।Ganga Dussehra 2021
बुधवार को ऐसे करें श्रीगणेश की पूजा, गणेश चालीसा का पाठ करना न भूलेंइसके अलावा इस विशेष दिन व्यक्ति द्वारा अपने पितरों को याद करना व उन्हें जल अर्पित करना भी महत्वपूर्ण माना गया है। चूंकि इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण, पवित्र नदी व कुण्डों में स्नान नहीं किया जाएगा। वर्ष 2021 में Ganga Dussehra के दिन व्यक्ति अपने घर पर ही स्नान कर, विधि-विधान अनुसार पूजा-पाठ करके और सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद, दान-पुण्य करने से सभी पापों का अंत निश्चित है।
कोरोना काल में गंगा दशहरा पर इस विधि अनुसार करें दान व पूजन Ganga Dussehra 2021
-गंगा दशहरा के दिन नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण, आप सुबह जल्दी उठकर अपने घर पर ही पानी में कुछ बूंदे गंगाजल व थोड़ी सी हल्दी मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
-इसके पश्चात, सच्चे भाव से षोडशोपचार से मां गंगा की पूजा-अर्चना करें। इस दौरान आप घर पर ही मां गंगा रूपी गंगाजल का, अपने घर के पूजा स्थल पर विधि-विधान अनुसार पूजन कर सकते हैं।
-पूजन के दौरान विशेष रूप से निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें-
“ऊँ नम: शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नम:।।”
-इसके बाद, मां गंगा को पांच अलग-अलग प्रकार के पुष्प अर्पित करते हुए, नीचे दिए मंत्र का उच्चारण करें-
“ऊँ नमो भगवते ऐं ह्रीं श्रीं हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा।।”
-मंत्र का जप करते हुए, मां गंगा को पूजा सामग्री अर्पित करें (दस तरह के फूल, दस नैवेद्य, दस पान, दस पत्ते और दस तरह के फल।
-इसके बाद आपको दस वस्तुओं का गरीबों, जरूरतमंदों और ब्राह्मणों में दान करना चाहिए।
Ganga Dussehra 2021