केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है। पिछले 17 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाले किसानों ने अपने आंदोलन को और तेज करने की बात कही है। किसानों ने आज Jaipur-Delhi highway बंद करने को कहा है। Farmers राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर के पास शाहजहांपुर में इकट्ठा हो रहे हैं। इसके मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात करके और जगह-जगह मल्टी लेयर्ड बैरिकेड्स लगाकर सुरक्षा बढ़ा दी है। शनिवार को किसान नेताओं ने 14 दिसंबर (सोमवार) को भूख हड़ताल करने का भी एलान किया। सरकार की कोशिश है कि बातचीत के माध्यम से गतिरोध को खत्म किया जाए, लेकिन Farmers संगठन कृषि कानूनों के वापसी की मांग पर अड़े हैं। किसान नेताओं और सरकार में कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन इनमें से एक का भी नतीजा नहीं निकला है।
भारतीय Farmers यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP),3 कानून और किसान के जितने भी मुद्दे हैं उन पर सरकार बातचीत करे और इनका समाधान करे। जब तक ये(कानून) वापस नहीं होते किसान यहां से नहीं जाएगा।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री (MoS) अनुराग ठाकुर ने कहा है कि PM नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए नए कृषि कानूनों को लाई है और वर्तमान सरकार ने UPA सरकार से दोगुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भुगतान किया है। 2009-2014 के दौरान, यूपीए सरकार ने 3,75,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जबकि NDA सरकार ने 8,00,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
राजस्थान: किसान जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर (राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर) के पास शाहजहांपुर में एकत्रित हुए। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह हमारा यहां 12 वां दिन है। हम और अधिक Farmers यूनियनों के पहुंचने की प्रतीक्षा कर रहे हैं ताकि हम बड़ी संख्या में दिल्ली जा सकें। हमारी अंतिम मांग कृषि कानूनों को निरस्त करना है।
दिल्ली: सिंघु (दिल्ली-हरियाणा सीमा) बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन का आज 18 वां दिन है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा है, ‘मैं कल रात यहां पहुंचा था। राजस्थान, पंजाब और हरियाणा से और किसान आ रहे हैं। 16 दिसंबर को 500 और ट्रालियां यहां पहुंचेंगी।
सरकार ने Farmers समूहों को उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए कृषि कानूनों में संशोधन के लिए उसके प्रस्तावों पर विचार करने के लिए कहा था। साथ कहा था कि जब भी यूनियन जब चाहें तब वह प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए तैयार है। किसान नेताओं ने गुरुवार को घोषणा की थी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे देश भर में रेलवे पटरियों को अवरुद्ध करेंगे।
ट्रैक्टरों से दिल्ली चलो मार्च
इसके बाद शनिवार को, किसान नेताओं ने कहा कि वे सरकार के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले 3 नए कृषि कानूनों की वापसी पर चर्चा करेंगे। उन्होंने यह भी घोषणा की कि उनकी यूनियनों के प्रतिनिधि 14 दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के दौरान भूख हड़ताल पर बैठेंगे। उन्होंने बताया कि हजारों किसान रविवार को जयपुर-दिल्ली राजमार्ग के माध्यम से राजस्थान के शाहजहांपुर से अपने ट्रैक्टरों के साथ ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी माताएं, बहनें और बेटियां भी जल्द ही उनके साथ आएंगी और विरोध स्थलों पर उनके ठहरने की व्यवस्था की जा रही है।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन के मद्देनज बॉर्डर के आस-पास सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इनमें बहुस्तरीय बैरिकेड और अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती शामिल है। यात्रियों को असुविधा न हो, इसके लिए भी उपाय किए गए हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने यात्रियों को कठिनाइयों का सामना न करने पड़े इस के लिए महत्वपूर्ण सीमा बिंदुओं पर अपने कर्मियों को तैनात किया है और अपने ट्विटर हैंडल पर खुले और बंद मार्गों के बारे में लोगों को लगातार अपडेट दिया जा रहा है।
चिल्ला बॉर्डर शनिवार देर रात पूरी तरह से खुला
किसानों के विरोध के कारण 1 दिसंबर से बाधित नोएडा-दिल्ली का चिल्ला बॉर्डर शनिवार देर रात पूरी तरह से खोल दिया गया। कुछ Farmers द्वारा प्रदर्शन पर बैठने के कारण नोएडा-दिल्ली लिंक रोड को बंद हो गया था। एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा कि हमारे नेता ने आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की। हमें आश्वासन दिया गया है कि हमारी मांगें पूरी होंगी। इसलिए हमने सड़क खोली है।