Eid e-Milad-un Nabi

जानिए कब है ईद-ए-मिलाद

दुनिया भर के मुसलमान पैगंबर हज़रत मुहम्मद साहब के जन्‍मदिन की खुशी में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मनाते हैं। आलमे-इस्‍लाम के लिए यह दिन बहुत मुबारक माना जाता है। इस दिन रात भर इबादत की जाती हैं, जुलूस निकाले जाते हैं। वहीं इस दिन मुसलमान अपने पैगंबर के पवित्र वचनों को पढ़ते हैं और इन पर अमल करने का अहद करते हैं। इस साल Eid e-Milad-un Nabi 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

इसलिए मनाते हैं ईद-ए-मिलाद-उन-नबी

इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक तीसरे महीने रबी-अल-अव्वल की 12वीं तारीख, 571 ईं। के दिन Prophet Hazrat Muhammad साहब का जन्‍म हुआ था। Eid e-Milad-un Nabi को दुनिया भर के मुसलमान बेहद खुशी के साथ मनाते हैं। इस दिन रात भर इबादत, दुआओं का सिलसिला जारी रहता है और जुलूस निकाले जाते हैं।

इस्लाम के आखिरी पैगंबर थे हज़रत मुहम्मद
इस्लाम के आखिरी Prophet Hazrat Muhammad का पूरा नाम पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम था। मक्का शहर में उनका जन्म हुआ था। हजरत मुहम्मद साहब ने 25 साल की उम्र में खदीजा नाम की एक विधवा महिला से विवाह किया था। उनके कई बच्चे हुए, जिनमें बेटों की मृत्यु हो गई। उनकी बेटी बीबी फ़ातिमा का निकाह हज़रत अली से हुआ था। मान्‍यता है कि 610 ईसवीं में मक्का के पास हिरा नामक गुफा में हज़रत मुहम्मद को ज्ञान प्राप्त हुआ। इसके बाद पैगंबरे-इस्‍लाम ने दुनिया को इस्लाम धर्म की पवित्र किताब क़ुरान की शिक्षाओं का उपदेश दिया। हज़रत मुहम्मद साहब ने तालीम पर जोर दिया और सबके साथ समानता का व्‍यवहार करने पर बल दिया।


इस तरह मनाते हैं ईद-ए-मिलाद
पैगंबरे-इस्‍लाम की पैदाइश के इस दिन को लोग बेहद खुशी से मनाते आ रहे हैं। इस दिन घरों और मस्जिदों में रोशनी की जाती है, उन्‍हें सजाया जाता है। लोग रात रात भर मस्जिद में इबादत करते हैं, क़ुरान की तिलावत करते हैं। लोगों को मिठाइयां बांटते हैं और गरीबों को दान देते हैं।

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