दुर्गा विसर्जन 26 अक्टूबर को यानी कि आज होगा। शारदीय Navratra के मौके पर दुर्गा प्रतिमाएं पंडालों में स्थापित की जाती हैं, फिर उन्हें दशहरा के बाद विसर्जित कर दिया जाता है। दुर्गा विसर्जन का मुहूर्त सुबह 06 बजकर 29 मिनट से शुरु होगा। सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक विसर्जन का मुहूर्त समाप्त हो जाएगा। दुर्गा विसर्जन की अवधि महज 2 घंटे 14 मिनट की ही है। दशमी तिथि का समापन 26 अक्टूबर सुबह 9 बजे होगा। आज यानी कि 26 अक्टूबर रात 1 बजकर 28 मिनट से श्रवण नक्षत्र लग जाएगा। बंगाल में एकादशी को सिन्दूर खेला भी मनाया जाएगा। आइए जानते हैं दुर्गा मूर्ति विसर्जन और विजयादशमी पर खरीददारी का शुभ मुहूर्त…
दुर्गा मूर्ति विसर्जन के मुहूर्त – (26 अक्टूबर)
-सुबह 6.30 बजे से 8.35 बजे तक .
- सुबह 10.35 बजे से 11.30 बजे तक।
विजयादशमी पर खरीददारी का मुहूर्त – (25 अक्टूबर) - दोपहर 1.30 से 2.50 तक (विसर्जन और खरीदारी मुहूर्त)
दोपहर 2.00 से 2.40 तक (खरीदारी, अपराजिता, शमी और शस्त्र पूजा मुहूर्त ) - दोपहर 3.45 से शाम 4.15 तक (विसर्जन और खरीदारी मुहूर्त)
सिंदूर खेला-
दशमी पर सिंदूर खेला की पंरपरा सदियों से चली आ रही है। खासतौर से बंगाली समाज में इसका बहुत महत्व है। ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा साल में एक बार अपने मायके आती हैं और वह अपने मायके में 10 दिन रूकती हैं जिसको Durga Pooja के रूप में मनाया जाता है। सिंदूर खेला कि रस्म पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में पहली बार शुरू हुई थी। लगभग 450 साल पहले वहां की महिलाओं ने मां दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी, कार्तिकेय और भगवान गणेश की पूजा के बाद उनके विसर्जन से पूर्व उनका श्रृंगार किया और मीठे व्यंजनों का भोग लगाया। खुद भी सोलह श्रृंगार किया। इसके बाद मां को लगाए सिंदूर से अपनी और दूसरी विवाहित महिलाओं की मांग भरी। ऐसी मान्यता थी कि भगवान इससे प्रसन्न होकर उन्हें सौभाग्य का वरदना देंगे और उनके लिए स्वर्ग का मार्ग बनाएंगे।