Google ने Doodle बनाकर डेनिश माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट Hans Christian को किया याद

Google अक्सर समाज में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लोगों को अपने Doodle के जरिए याद करता है। ऐसे ही आज गूगल ने अपने डूडल को डेनिश इक्रोबायोलॉजिस्ट Hans Christian Gram को समर्पित किया है। गूगल अपने डूडल के जरिए आज Hans Christian Gram के 166वीं बर्थ एनिवर्सरी को सेलिब्रेट कर रहा है। Hans Christian एक डेनिश जीवाणु वैज्ञानिक थे।

उनका जन्म 1853 में डेनमार्क के कोपेनहैगन में हुआ था। उन्होंने माइक्रोस्कोप से बैक्टीरिया का पता लगाने वाली खास तकनीक की खोज 1884 में की थी। हैंस क्रिश्चियन ग्रैम ने साल 1878 में कोपेनहैगन यूनिवर्सिटी से डॉक्टर ऑफ मेडिसिन की डिग्री हासिल की। इसके बाद वो बैक्टिरियोलॉजी और फार्मालॉजी की पढ़ाई करने यूरोप चले गए। बर्लिन की माइक्रोबायोजिल्ट लैब में काम करते हुए उन्होंने नोटिस किया कि बैक्टिरिया के धब्बे को क्रिस्टल वॉयलेट स्टेन (आयोडीन सॉल्यूशन और ऑर्गेनिक सोलवेंट) में मिलाने से अलग-अलग सैंपल में अलग स्ट्रक्चर और बायोकेमिकल फंक्शन मिले।

हैंस क्रिश्चियन ग्रैम ने 1884 में एक जर्नल में ग्रैम-पॉज़िटिव और ग्रैम नेगेटिव नाम से अपनी खोज को पब्लिश किया। डैनिश वैज्ञानिक हैंस क्रिश्चियन की 85 की उम्र में साल 1938 में मौत हो गई। ग्रैम स्टेनिंग तकनीक का इस्तेमाल माइक्रोबायोलॉजी के इतिहास में उनकी मौत के बाद भी किया जाता रहा और आज भी किया जा रहा है। उनके द्वारा इजाद की गई इस तकनीक का इस्तेमाल आज भी बायोल़ॉजी स्टूडेंट (Biology Student) लैब में करते हैं।

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