कोरोना संकट (COVID-19 Crisis) के बीच अमेरिका में बढ़ी बेरोजगारी दर के चलते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत को तगड़ा झटका देते हुए H1-B वीजा पर पाबंदियों की घोषणा कर दी है। अब इस पर भारत सरकार के वरिष्ट सूत्रों का कहना है कि अब इस पर भारत सरकार अमेरिका सरकार से बातचीत करेगी और वीजा पर रोक हटाने की कोशिश करेंगे। सरकार हर संभव उपाय अपनाएगी। कहेगी अगर आप कुछ पाबंदी लगाना चाहते हैं तो कुछ छूट दीजिए।
हालांकि अगर ये पाबंदी जारी भी रहती है तो सरकार के सूत्रों का कहना है कि इससे ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। इस पर दलील ये दी जा रही है कि साल में करीब 60,000 भारतियों को H1-B वीजा मिलता है। 6 महीने के लिए लगाई रोक से सिर्फ 30,000 लोगों को मुश्किल होगी। लेकिन जो वहां काम कर रहे हैं उनकी मांग बढ़ेगी उनको फायदा होगा। वही दूसरी दलील ये भी है कि कोरोना की वजह से लोग अमेरिका जाने से बच रहे थे।
आपको बता दें कि 31 दिसंबर 2020 तक ये रोक लगाने की घोषणा की गई है। ट्रंप के इस फैसले से दुनियाभर से अमेरिका में नौकरी करने का सपना देखने वाले करीब ढाई लाख लोगों को धक्का लग सकता है। इससे सबसे बड़ा नुकसान भारतीय पेशेवरों को होगा।
आपको बता दें कि अमेरिका में काम करने वाली कंपनियों को विदेशी कामगारों को मिलने वाले वीजा को H1-B वीजा कहते हैं। इस वीजा को एक तय अवधि के लिए जारी किया जाता है।