कोरोना वायरस की चपेट से दिल्ली (delhi corona news) अब निजात पाती दिख रही है। मरीजों के संक्रमित होने का रेट लगातर घट रहा है। ऐक्टिव केसों की संख्या सिर्फ 15 हजार है। रिकवरी रेट 84% के करीब हो चला है। वहीं जहां कई राज्यों में कोरोना बेडों की कमी है वहीं दिल्ली में 77% सरकारी कोरोना बेड खाली हैं।
दिल्ली का पॉजिटिविटी रेट जून महीने में चिंता का विषय था। 8-14 जून के बीच यह 32% तक पहुंच गया था। लेकिन इस हफ्ते यह गिरकर सिर्फ 7% पर रह गया है। पॉजिटिविटी रेट ये यहां मतलब है कि कितने टेस्ट पर कितने लोग कोरोना पॉजिटिव मिले।
राजधानी में जब टेस्टिंग बढ़ी तो एक-एक दिन में करीब 4 हजार तक संक्रमित लोग सामने आए। लेकिन अब स्थिति सुधर रही है। सोमवार को कुल 954 केस सामने आए। 49 दिनों बाद 1000 से कम मामले सामने आए थे।
दिल्ली में वैसे कुल केसों की संख्या 1 लाख 23 हजार के पार पहुंच गई है लेकिन ऐक्टिव केसों की बात करें तो दिल्ली में अभी सिर्फ 15 हजार ऐक्टिव केस हैं। इसमें लगातार गिरावट दर्ज की गई है जो राहत की बात है। दिल्ली इकलौता ऐसा राज्य या केंद्र शासित प्रदेश है जहां हफ्तों तक लगतार ऐक्टिव केसों की संख्या में कमी होती रही है।
हो सकता है आपको यह जानकार हैरानी हो लेकिन यही सच है कि भारत में सबसे ज्यादा टेस्ट दिल्ली में ही हो रहे हैं। प्रति दस लाख जनसंख्या पर टेस्टिंग के मामले में दिल्ली सबसे आगे। यहां 13 से 19 जुलाई के बीच रोजाना 1 लाख 30 हजार से 1 लाख 50 हजार के बीच टेस्टिंग हुई। तमिलनाडु, राजस्थान, हरियाणा आदि सभी राज्य दिल्ली से पीछे।
दिल्ली में कोरोना के ठीक हुए मरीजों का रेट यानी रिकवरी रेट 84% है। भारत के रिकवरी रेट की बात करें तो यह फिलहाल 63 प्रतिशत है। दिल्ली उन राज्यों में शामिल है जिनका रिकवरी रेट सबसे बेहतर है।
दिल्ली में शुरुआत में कोरोना मरीजों के लिए बेडों की कमी का मामला सामने आया था। फिर धीरे-धीरे सरकारी बेडों की संख्या बढ़ाकर 11,874 तक लेकर जाई गई। फिलहाल दिल्ली में 77% कोरोना बेड खाली हैं। ऐसा होने के पीछे होम आइसोलेशन का अहम योगदान है।
भारत में ऐक्टव केस भले 16 हजार के नीचे आ गए हैं लेकिन मृत्यु दर अभी चिंता की वजह बना हुआ है। दिल्ली में अबतक कोराना से 3663 मौत हो चुकी हैं। हालाँकि दिल्ली मे मृत्यु दर 3% के करीब है जो कि भारत के औसत 2.4% से ज्यादा है।