कोरोनावायरस महामारी के बीच JEE Main और नीट परीक्षा को स्थगित करने की मांग बढ़ती ही जा रही है। छात्र समेत कई विपक्ष के नेता भी जेईई मेन और नीट परीक्षा को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन जानकारी के अनुसार, सरकार परीक्षाओं स्थगित करने के हित में नहीं है। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, JEE Main और NEET 2020 अपने तय शेड्यूल पर ही आयोजित की जाएंगी। इस पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपना विरोध जताया है। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार जमीनी हकीकत से आंख बंद करके बैठी हुई है। जिस व्यवस्था के दम पर आप 28 लाख बच्चों को परीक्षा देने को मजबूर कर रहे हो, उस व्यवस्था के तहत देश के लाखों लोगों को पहले ही कोरोना हो चुका है।”
उन्होंने आगे कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल तक संक्रमित हो चुके हैं, जबकि वह बहुत अच्छी व्यवस्था में रहते हैं। कोरोना के इस दौर में भी हम शिक्षा मुहैया करा रहे हैं। ये जीरो अकेडमिक ईयर नहीं है। लेकिन 3 घंटे की परीक्षा में आपको लगता है कि कोई जादू की छड़ी घुमा कर आप टैलेंट पता कर लोगे और इसके अलावा और कोई तरीका नहीं है? तो मेरे ख्याल से आपकी सोच बहुत संकुचित है। आज पूरी दुनिया एग्जाम के सिस्टम से बाहर आ रही है और कई नए दूसरे तरीके अपना रही है। इसी सिस्टम पे चिपके रहना बहुत ही रूढ़िवादी है। केंद्र सरकार के पास ज्यादा समय नहीं है। उन्हें या तो एग्जाम स्थगित करना चाहिए या किसी अन्य तरीके से परीक्षाएं लेनी चाहिए।”
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी रविवार को PM मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर तंज कसते हुए कहा था कि केंद्र सरकार से छात्रों की मन की बात सुनते हुए JEE और NEET की परीक्षाओं को रोकने की अपील की है। राहुल गांधी ने कहा था, ‘आज हमारे लाखों छात्र सरकार से कुछ कह रहे हैं। NEET, JEE परीक्षा के बारे में उनकी बात सुनी जानी चाहिए और सरकार को एक सार्थक हल निकालना चाहिए।’
बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी जेईई मेन और नीट परीक्षा स्थगित करने की मांग कर चुके हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि Coronavirus के बढ़ते संक्रमण के बीच परीक्षा आयोजित करना महंगा साबित हो सकता है।
स्टूडेंट्स और राजनीतिक हस्तियों के जेईई मेन और नीट परीक्षा को स्थगित करने की मांग के बाद हाल ही में क्लाइमेट एक्टिविस्ट और ग्लोबल आइकॉन ग्रेटा थुनबर्ग ने भी परीक्षाएं आयोजित कराने के फैसले पर विरोध जताया है। ग्रेटा का कहना है कि Coronavirus महामारी और बाढ़ की स्थिति में परीक्षा आयोजित करना छात्रों के लिए पूरी तरह से अनुचित है।