उत्तर प्रदेश में हिन्दुत्व के नाम पर राक्षसराज चल रहा है। एक ओर शासकदल के और आरएसएस के लोग खुलेआम कानून हाथ में लेकर जनता पर अत्याचार बरपा रहे हैं तो वहीं विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए नाजायज कदम उठाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार पर यह करारा हमला भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मण्डल ने किया है। भाकपा ने कहा कि एसआईटी के समक्ष पीडि.ता के बयान दर्ज कराए जाने के बावजूद अभी तक न तो स्वामी चिन्मयानन्द के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई और न ही उसे गिरफ्तार किया गया।
भाकपा ने कहा कि शासन प्रशासन के इस दोगलेपन के चलते उत्तर प्रदेश में दुधुमुंही बच्चियों तक के साथ दुष्कर्म की शर्मनाक वारदातें हो रही हैं। महिलाओं पर यौन हिंसा की वारदातों का कहर टूट रहा है। अल्पसंख्यकों का हुलिया देख भगवा गुंडे उन पर हमले बोल रहे हैं। हरदोई में दलित नौजवान को जिंदा जला दिया जाता है और सरकार मौन साधे बैठी रहती है। यह लव जेहाद पार्ट-2 है जिसकी जद में अब दलित भी आ गये हैं। अपराधी सरेआम हत्या लूट जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देरहे हैं। लोगों को भयग्रस्त बनाये रखने को भीड़ हिंसा जारी है।
कानून व्यवस्था की इस हालत, बिजली की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी, वाहनों पर भारी जुर्माना वसूली, डीजल पेट्रौल की हर रोज बढ़ रही कीमतों, सुरसा के बदन की तरह पैर पसार रही महंगाई, जर्जर आर्थिक हालातों में किसानों की आत्महत्यायें और आर्थिक मंदी का विरोध करने और जमीन- मकानों पर कब्जों से पीढ़ित गरीबों द्वारा न्याय मांगने पर उन्हें कानून के शिकंजों में कसा जारहा है। प्रतिरोध की आवाज उठाने को हर हथकंडा अपनाया जा रहा है।
भाकपा राज्य सचिव डाॅ. गिरीश ने कहा कि गत दिनों पीलीभीत जिले में न्याय पाने को भूख हड़ताल पर बैठे भाकपा के कार्यकर्ता को संगीन धाराओं में जेल भेज दिया। जालौन जिले के उरई में बिजली की बड़ी दरों और वाहनों पर जुर्माना बसूली के खिलाफ लोकतान्त्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे भाकपा कार्यकर्ताओं पर भाजपा के दबाव में बलवा करने जैसी दफाओं में मुकदमा दर्ज कर दिया गया। राज्यपाल के आगमन पर आज फैजाबाद में वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं को घरों में निरुध्द कर दिया।
सपा नेता आजम खां पर आज तक 83 मुकदमे दर्ज करा दिये गये। बदले की भावना और शिक्षा को मिटाने के उद्देश्य से की गयी इस कार्यवाही की भाकपा कड़े शब्दों में निन्दा करती है।
भाकपा को इस बात का भी अफसोस है कि उत्तर प्रदेश में जनाधार वाले विपक्षी दल या तो भयवश भाजपा के समक्ष सरेंडर कर चुके हैं या विरोध से कतरा रहे हैं। इससे निर्भय बनी सरकार लोकतन्त्र का गला घोंट रही है और उत्तर प्रदेश असहनीय आपातकाल के दौर से गुजर रहा है।
भाकपा राज्य सचिव ने सरकार को चेतावनी दी कि सरकार के तीखे हमलों से आम जन की रक्षा के लिए भाकपा आवाज उठाती रहेगी। सरकार को चेतावनी दी कि वह हिन्दुत्व की आड़ में जनता के बड़े हिस्सों पर तानाशाही लादने वाले क्रत्यों को विराम दे।