देश में जानलेवा कोरोना वायरस के मामले दिन पर दिन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रहे हैं। देश में कोरोना के खिलाफ टिकाकरण अभियान भी तेजी से चल रहा है और अबतक 13 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी हैं। इस बीच कोवैक्सीन को लेकर बड़ी खबर आई है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने अपनी रिसर्च में कहा है कि कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन ज्यादातर वैरियंट पर असरदार है।
ICMR ने अपनी रिसर्च में दावा किया है कि कोवैक्सीन कोरोना के अलग-अलग वैरिएंट से लड़ सकती है। ICMR ने बताया है कि ये वैक्सीन कोरोना के डबल म्यूटेंट स्ट्रेन से भी लड़ने में कारगर है। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई कोवैक्सीन (COVAXIN) नामक वैक्सीन अबतक स्वदेश में तैयार हुई एकमात्र वैक्सीन है।
भारत में कोरोना के हालात को देखते हुए मोदी सरकार ने अब इस स्वदेशी वैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए क़दम बढ़ाया है। आत्मनिर्भर भारत मिशन 3.0 के तहत चलाए जा रहे मिशन कोविड सुरक्षा के ज़रिए स्वदेश में बने वैक्सीन के विकास और उत्पादन में तेज़ी लाने के लिए सहायता दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसी के तहत केंद्र सरकार के बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने भारत बायोटेक कम्पनी को 65 करोड़ रुपये की सहायता अनुदान के तौर पर देने का फ़ैसला किया है। इस पैसे का इस्तेमाल बेंगलुरू में बने भारत बायोटेक के नए सेंटर में वैक्सीन उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाएगा।