मामला संवेदन हीनता का है, प्रवासी मजदूर आए। स्कूल में कई दिनों तक रहे और घर जाने का समय जब आया तब कक्षाओं की खिड़कियां तोड़ दी, दरवाजे तोड़ दिये और कई तो पंखा, एलईडी (LED) बल्ब साथ लेकर गये। अब जब क्वारंटाइन (QUARANTINE) सेंटर हटाया गया है तो कई स्कूल के प्राचार्य ने इसकी शिकायत पटना जिला शिक्षा कार्यालय में दर्ज करवायी है। डीईओ (DEO) की मानें तो स्कूल की संपत्ति को बहुत नुकसान हुआ है।
पहला मामला :- कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय कुहरा घोसवरी परिसर में प्रवासी मजदूरों को ठहराया गया था। जब ये मजदूरी अपने घरों को जाने लगे तो कक्षाओं में लगे पंखे, मरकरी, एलईडी ब्लब आदि लेकर चले गये। इसके अलावा पानी के नल को तोड़ दिया। स्कूल का दरवाजा भी तोड़ दिया। ये शिकायत स्कूल प्राचार्य शंभू प्रसाद ने डीईओ को की है।
दूसरा मामला :- राजेंद्रनगर बालक उच्च विद्यालय में प्रवासी मजदूर के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था। मजदूर कई दिनों तक रहे लेकिन जब जाने लगे तो स्कूल के पंखे को तोड़ दिया। खिड़कियां तोड़ डाली। कई बेंच डेस्क को क्षति पहुंचायी। अब स्कूल ने डीईओ कार्यालय को शिकायत की है। अब इस पूरे मामले की जानकारी आपदा प्रबंधन को दी जा रही है।