निर्भया गैंगरेप के दोषी पवन को दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया है। इससे पहले पवन मंडोली जेल में बंद था। 2012 में राजधानी में हुए निर्भया कांड के चार दोषियों को फांसी की सज़ा सुनाई गई थी। पवन के अलावा जो बाकी तीन दोषी हैं वो पहले से ही तिहाड़ जेल में बंद हैं।
निर्भया कांड के चार दोषी विनय शर्मा, मुकेश, पवन और अक्षय इस वक्त तिहाड़ जेल में बंद हैं। जघन्य अपराध के जुर्म में चारों को निचली अदालत ने फांसी की सज़ा सुनाई थी, जिसे ऊपरी अदालतों ने भी कायम रखा था। इधर तिहाड़ जेल प्रशासन ने कई जिलों से संपर्क साधा है ताकि अगर जल्लाद की निकट भविष्य में जरूरत पड़े तो वहां से व्यवस्था की जा सके, इसके साथ ही रस्सियों का भी ऑर्डर दिया गया है।
बीते दिनों ही दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने दायर की गई दया याचिका को वापस करने के लिए अपील की थी। विनय की ओर से दलील दी गई थी कि उस याचिका में उसने हस्ताक्षर नहीं किए थे। दिल्ली सरकार, केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से पहले ही दोषियों की दया याचिका को खारिज करने की अपील की गई थी।
16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली के मुनेरका में एक प्राइवेट बस में अपने एक दोस्त के साथ चढ़ी 23 साल की पैरा मेडिकल छात्रा के साथ एक नाबालिग सहित छह लोगों ने चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म और लोहे के रॉड से क्रूरतम आघात किया गया था। इसके बाद गंभीर रूप से घायल पीड़िता और उसके पुरुष साथी को चलती बस से महिपालपुर में बस से नीचे फेंक दिया गया था।
पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, उसके बाद तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने बेहतर इलाज के लिए उसे विशेष विमान से सिंगापुर भेजा था, जहां वारदात के 13वें दिन उसने दम तोड़ दिया था। निर्भया की मौत के बाद देश की सड़कों पर युवाओं का सैलाब उतरा था जो इंसाफ की मांग कर रहा था।