झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद सियासी दिगग्जों के मुलाकात का दौर शुरु हो चुका है। झारखंड विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को महागठबंधन में लाने की कवायद तेज हो चुकी है। झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने सोमवार सुबह बाबूलाल मरांडी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई ये अभी सामने नहीं आ पाया है। बता दें कि बाबूलाल मरांडी महागठबंधन के तहत हेमंत सोरेन का नेतृत्व स्वीकार करने से मना कर दिया है। साथ ही सीटों के बंटवारे को भी लेकर कोई सहमति न बनता देख बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। उधर, रामेश्वर उरांव आज शाम हेमंत सोरेन से भी मुलाकात करेंगे।
झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी खुद राजधनवार सीट से चुनाव लड़ेंगे और सभी सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारेंगे। इससे राज्य की अधिकतर सीटों पर आमने-सामने नहीं, बल्कि त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं। झाविमो ने गठबंधन के तौर-तरीकों पर झामुमो-कांग्रेस के रवैये को नकारात्मक माना है।
बता दें कि बाबूलाल मरांडी ने कहा था कि उनका अंतर्मन कहता है कि इस बार चुनाव में अकेले जाएं। उन्होंने कहा था कि अपने पहले के अनुभवों को देखता हूं तो कई प्रकार की शंकाएं जन्म लेती हैं। इस बार भी गठबंधन को लेकर अब तक कोई ठोस बात नहीं हुई। सिर्फ व्यक्तिगत रूप से बैठे, पर कोई गंभीर बातें नहीं हुईं।