पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली कानून की छात्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। हाईकोर्ट ने छात्रा की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए उसे जेल से रिहा किये जाने का आदेश दिया है। चिन्मयानंद से 5 करोड़ की रंगदारी मांगने के आरोप में छात्रा को जेल भेजा गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जांच कर रही एसआईटी की टीम ने चार्जशीट दाखिल कर दी है।
बीजेपी नेता चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने के मामले में एसआईटी ने एलएलएम की छात्रा के साथ ही बीजेपी नेता और जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन डीपीएस राठौड़ का नाम भी चार्जशीट में शामिल किया था। डीपीएस राठौड़ यूपी में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त और प्रदेश पार्टी उपाध्यक्ष के भाई हैं।
डीपीएस राठौड़ पर चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने की साजिश में शामिल होने का आरोप है। एसआईटी ने अपनी जांच के दौरान राठौड़ के पास से एक लैपटॉप जब्त किया था, जिसमें चिन्मयानंद और लड़की से जुड़े कई वीडियो मिले थे।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पूरे प्रकरण की मानीटरिंग कर रही हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एसआईटी से एक और हलफनामा दाखिल करने को कहा है। अदालत ने एसआईटी द्वारा आज दाखिल किये गए हलफनामे पर पीड़ित छात्रा को भी जवाब देने को कहा है। मानीटरिंग केस में पीड़ित छात्रा की तरफ से आज फिर से दिल्ली के लोधी रोड थाने में की गई शिकायत का मुद्दा उठाया गया। छात्रा की तरफ से कहा गया कि लोधी रोड थाने में दी गई शिकायत पर एसआईटी ने ना तो अलग से एफआईआर दर्ज की और ना ही अलग से जांच की।
एसआईटी ने इस मामले में आज भी जो हलफनामा दाखिल किया, अदालत उससे भी संतुष्ट नहीं हुई और अगले हफ्ते एक नया हलफनामा दाखिल करने को कहा है। मानीटरिंग कर रही डिवीजन बेंच इस मामले में 11 दिसम्बर को फिर से सुनवाई करेगी।