चीन में कोविड लॉकडाउन, क्या भारत में भी पैदा हो सकते हैं ये हालात? विशेषज्ञों ने दी ये राय

भारत में कोरोना के मामलों में भारी कमी देखने को मिल रही है. यही वजह है कि भारत में कई राज्‍यों में कोविड प्रतिबंध (Covid-19 Restrictions) धीरे-धीरे हटाए जा रहे हैं. यहां तक कि महाराष्‍ट्र में मास्‍क (Mask) को भी वैकल्किप कर दिया गया है. अगर कोई व्‍यक्ति यहां मास्‍क नहीं पहनता है तो उसका चालान नहीं होगा. हालांकि विश्‍व के कई देशों में कोरोना के मरीजों की संख्‍या तेज गति से बढ़ रही है. साउथ कोरिया, यूके, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, रूस आदि देशों के अलावा 2020 के बाद से चीन में भी इस बार न केवल कोरोना के नए मामले देखने को मिल रहे हैं बल्कि यहां के कई शहरों में काफी सख्‍त लॉकडाउन (Lockdown) भी लगाया गया है. चीन की अपनी जीरो कोविड पॉलिसी के तहत लोगों के बाहर निकलने पर पाबंदी है सभी की कोरोना जांच कराई जा रही है. पड़ौसी देश में पैदा हुए इन हालातों के बाद क्‍या भारत में भी ये स्थिति फिर पैदा हो सकती है? कोरोना मामलों के लगातार नीचे गिरने के बाद क्‍या फिर से ये बीमारी नया तूफान लेकर आ सकती है? इन सवालों पर स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों की राय काफी अहम है.

दिल्‍ली स्थिति ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के पूर्व निदेशक डॉ. महेश चंद्र मिश्र कहते हैं कि भारत अभी तक कोरोना की तीन लहरें देख चुका है. किसी भी बीमारी की लहर से तात्‍पर्य ये होता है कि एक बार वह बीमारी पीक पर जाती है फिर एकदम से नीचे यानि घट जाती है. यानि बीमारी समान गति से नहीं चलती और इसका स्‍वरूप लहरनुमा हो जाता है. ऐसे में अगर फिलहाल का ट्रेंड देखें तो भारत में कोरोना के मामले सबसे निचले स्‍तर पर हैं यानि घट गए हैं. अभी तक कोरोना के वेरिएंट्स, कोरोना वैक्‍सीनेशन और संक्रमण के बाद इम्‍यूनिटी के आंकड़ों को देखने के बाद ऐसा लग रहा है कि भारत में कोरोना को लेकर कोई खतरा नहीं है लेकिन इसी दौरान बाकी देशों में बीमारी अपने पैर पसार रही है और खासतौर पर चीन में, तो इसका असर ऐसे देख सकते हैं.

डॉ. मिश्र कहते हैं कि यहां चीन और बाकी देशों को अलग-अलग देखने की जरूरत है. जैसा कि 2020 के बाद से ही देखा जा रहा है कि चीन ने शुरुआत में कोरोना के आंकड़े सार्वजनिक किए थे लेकिन जैसे ही बीमारी बाकी देशों में फैली तो चीन ने आंकड़े देना बंद कर दिया. उस स्थिति में ये कहा गया कि चीन से कोरोना विदा हो गया लेकिन हकीकत क्‍या थी ये कोई नहीं जानता. जब बाकी देशों में कोरोना अपना रौद्र रूप दिखा रहा था, लोग मर रहे थे, भारत में भी डेल्‍टा आया और बहुत सारे लोगों की जान इस वेरिएंट के कारण चली गई लेकिन चीन में उस दौरान शांति दिखाई दी. वहीं अब चीन में जैसा कि बताया जा रहा है कि कोरोना के मामले काफी कम हैं और 10 हजार रोजाना तक भी नहीं पहुंचे हैं लेकिन चीन ने अपने शहरों में लॉकडाउन लगा दिया है, तो यह जीरो कोविड पॉलिसी हो सकती है लेकिन यह कदम कितना प्रभावी है? वहां वास्‍तव में कोरोना के कितने मरीज हैं ? वहां के मरीजों में कोरोना गंभीर है या हल्‍का है? वहां कौन सा वेरिएंट ज्‍यादा संक्रमित कर रहा है, ये जानकारियां अभी भी नहीं मिल पा रही हैं.

डॉ. मिश्र कहते हैं कि कोरोना को लेकर चीन का भरोसा नहीं किया जा सकता. चीन में कोविड के क्‍या हालात हैं और इसका भारत पर क्‍या असर होगा, ये भी स्‍पष्‍ट रूप से नहीं कहा जा सकता है लेकिन बाकी देशों में फैल रहे कोरोना और वहां ओमिक्रोन के प्रभाव को देखते हुए इतना कहा जा सकता है कि भारत तीसरी लहर में ओमिक्रोन से संक्रमित हो चुका है. एक बड़ी जनसंख्‍या उस दौरान कोविड की चपेट में आई लेकिन यह खतरनाक नहीं रहा. इसकी वजह ओमिक्रोन का ज्‍यादा संक्रामक लेकिन कम गंभीर होना रहा. या ये कह सकते हैं कि कोरोना वैक्‍सीन के कारण कोरोना संक्रमण हुआ जरूर लेकिन मरीज अस्‍पतालों तक नहीं पहुंचे. लिहाजा बाकी देशों में फैल रहे कोरोना से भी फिलहाल भारत को डरने की जरूरत नहीं है. हां कुछ जरूरी चीजें हैं, उनका पालन अभी भी जरूरी हैं.

डॉ. मिश्र कहते हैं कि खतरा सामने नहीं है लेकिन आएगा नहीं, यह नहीं कहा जा सकता. इसलिए सबसे जरूरी है कि कोरेाना के नियमों का पालन लगातार करते रहें. सरकारें कोविड केसेज को देखते हुए भले ही पाबंदियां हटा दें लेकिन लोग सावधान रहें और जरूरी एहतियात बरतें. बाहर जाते समय मास्‍क जरूर पहनें. इससे वायरस और प्रदूषण दोनों से बचाव होगा. घर में कोई संक्रमित है तो उससे दूरी बनाएं. बाहर जाएं तो सोशल डिस्‍टेंसिंग रखें. इम्‍यूनिटी को मजबूत रखने के लिए पोषणयुक्‍त भोजन करें. घर में वेंटिलेशन रखें.

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